Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बीच आया सियासी संकट, CM की बैठक में अनुपस्थित रहे 11 MLA; मेतैई संगठन ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के बीच आया सियासी संकट, CM की बैठक में अनुपस्थित रहे 11 MLA; मेतैई संगठन ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
Last Updated: 2 दिन पहले

मणिपुर में पिछले साल से मीतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें दोनों समुदायों के बीच संघर्ष और हिंसक घटनाएँ बढ़ी हैं। इस महीने की शुरुआत में जिबरबाम में महिलाओं और बच्चों सहित छह लोगों की हत्या ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिसके बाद राज्य में फिर से हिंसा का नया दौर शुरू हो गया। 

इम्फाल: मणिपुर में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है, और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की थी, ताकि राज्य में बढ़ते हिंसक घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सोमवार को एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें मणिपुर में सुरक्षा स्थिति और आगामी कदमों पर चर्चा की गई। हालांकि, बैठक में 38 विधायकों में से 11 विधायक बिना किसी कारण के अनुपस्थित रहे, जिससे यह स्थिति और जटिल हो गई।

बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू करने की समीक्षा करने का प्रस्ताव था। इसके अलावा, जिरीबाम हत्याकांड के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर एक व्यापक अभियान चलाने की भी मांग की गई हैं।

मेतैई संगठन ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

मणिपुर में स्थिति और अधिक जटिल होती जा रही है, खासकर मैतेई नागरिक समाज संगठनों द्वारा एनडीए विधायकों की बैठक में पारित प्रस्तावों को खारिज किए जाने के बाद। ये संगठन मणिपुर के अन्य स्थानों पर भी कुकी उग्रवादियों द्वारा किए गए अपराधों की जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें जिरीबाम में छह निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या शामिल हैं।

मैतेई संगठन ने राज्य सरकार से कुकी उग्रवादियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाने की मांग की है और इस हिंसा के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा कि यह केवल जिरीबाम तक सीमित नहीं है, बल्कि मई 2023 से मणिपुर के कई अन्य हिस्सों में भी ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं।

इस बयान में सरकार से अगले 24 घंटों के भीतर एक नया और अधिक ठोस प्रस्ताव लाने की मांग की गई है, ताकि इन हिंसक घटनाओं का प्रभावी समाधान निकाला जा सके।

CM की बैठक में अनुपस्थित रहे MLA

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एनडीए विधायकों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें 38 विधायकों में से 11 ने बिना कोई कारण बताए बैठक में भाग नहीं लिया। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू करने की समीक्षा करने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त, जिरीबाम हत्याकांड में शामिल कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर एक व्यापक अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा गया।

यह बैठक राज्य में बढ़ती हिंसा और जातीय संघर्ष के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, यह कदम राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने के उद्देश्य से उठाया गया था, लेकिन बैठक में विधायकों की अनुपस्थिति ने राजनीतिक स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया हैं।

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