मणिपुर में लापता हुए छह लोगों के शवों के नदी के पास बरामद होने के बाद राज्य में एक बार फिर से हिंसा फैल गई है। यह घटना मणिपुर के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तनाव को और बढ़ा सकती है, जहां पहले ही जातीय संघर्षों के कारण हिंसा की स्थिति बनी हुई हैं।
इम्फाल: मणिपुर में लापता हुए छह लोगों में से तीन के शवों की बरामदगी के बाद राज्य में फिर से हिंसा भड़क उठी है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमले किए। इन हमलों के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चितकाल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इस हिंसा के कारण मणिपुर में सुरक्षा स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, और राज्य में तनाव बढ़ गया हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में हो रही हिंसा पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि "मणिपुर अब एक नहीं है, और मणिपुर सुरक्षित नहीं है।" खरगे ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह मणिपुर में हो रहे हिंसक घटनाक्रम को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे राज्य में अराजकता और तनाव बढ़ गया है। उनका यह बयान मणिपुर के मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार की नाकामी को लेकर चिंता को प्रदर्शित करता हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर बोला हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर हिंसा को लेकर तीखा हमला करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि "आपकी डबल इंजन सरकार में न तो मणिपुर एक है, न ही मणिपुर सुरक्षित है।" उन्होंने मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा और संघर्ष का उल्लेख करते हुए इसे राज्य के लोगों के लिए अकल्पनीय दर्द और विभाजन का कारण बताया। खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर मणिपुर को जलाने की कोशिश कर रही है और अपनी घृणित विभाजनकारी राजनीति के तहत राज्य को और कमजोर बना रही हैं।
उन्होंने कहा कि 7 नवंबर से अब तक कम से कम 17 लोगों की मौत हो चुकी है और संघर्ष के क्षेत्र का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण पूर्वोत्तर राज्यों तक आग फैल रही है। खरगे ने पीएम मोदी को मणिपुर में असफल करार देते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के लोगों के दुखों को नजरअंदाज किया और समाधान की कोई कोशिश नहीं की।
खरगे ने यह भी कहा कि भले ही मोदी भविष्य में मणिपुर जाएं, लेकिन राज्य के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे और वे कभी नहीं भूलेंगे कि मोदी ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और उनके दुखों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
केंद्र सरकार ने लागु किया सशस्त्र बल अधिनियम
गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर को मणिपुर के विभिन्न जिलों में एक बार फिर से अफ्स्पा (सशस्त्र बल अधिनियम) को लागू कर दिया है। यह आदेश इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई व लामसांग, इंफाल पूर्व जिले के लामलाई, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग, कांगपोकपी जिले के लीमाखोंग और जिरीबाम जिले के जिरीबाम क्षेत्र में लागू किया गया है। इस कदम को सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया हैं।
वहीं, मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में स्थित इलाकों में अफ्स्पा की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार का यह मानना है कि कुछ क्षेत्रों में स्थिति अब सामान्य हो चुकी है और वहां से अफ्स्पा को हटाया जा सकता है, ताकि स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।