महाराष्ट्र औरंगजेब विवाद: सीएम फडणवीस ने मंत्रियों को दी नसीहत, कहा- 'संविधान सर्वोपरि'

महाराष्ट्र औरंगजेब विवाद: सीएम फडणवीस ने मंत्रियों को दी नसीहत, कहा- 'संविधान सर्वोपरि'
अंतिम अपडेट: 9 घंटा पहले

महाराष्ट्र औरंगजेब विवाद और नागपुर हिंसा के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने मंत्रियों को संयम बरतने की नसीहत दी है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के 'राजधर्म' का उल्लेख करते हुए कहा कि मंत्रियों को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को समाज में सौहार्द बनाए रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अपने बयानों में संयम बरतना चाहिए ताकि समाज में किसी तरह का द्वेष न फैले। उन्होंने यह बात एनसीपी-एसपी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटील द्वारा 19 मार्च को आयोजित ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025’ के अवसर पर दिए गए साक्षात्कार में कही।

सीएम फडणवीस ने यह टिप्पणी तब की जब एनसीपी-एसपी नेता जयंत पाटील ने ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025’ कार्यक्रम के दौरान उनसे कुछ मंत्रियों के बयानों को लेकर सवाल पूछा। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि सरकार का कर्तव्य सभी वर्गों के साथ न्याय करना है, न कि किसी विशेष समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाना।

नागपुर हिंसा के बाद आया बयान

नागपुर में हाल ही में भड़की हिंसा और बीजेपी मंत्री नितेश राणे के विवादास्पद बयान के बाद यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी। हालांकि, उन्होंने किसी मंत्री का नाम लिए बिना ही अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "एक मंत्री के रूप में हमें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी कहा था कि 'राजधर्म' का पालन करना अनिवार्य है। हमारी सरकार संविधान के दायरे में रहकर सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

मंत्रियों को संयम बरतने की सलाह

मुख्यमंत्री ने युवा मंत्रियों को विशेष रूप से नसीहत दी कि वे भावनाओं में बहकर कोई भी ऐसा बयान न दें, जिससे समाज में वैमनस्यता फैले। उन्होंने कहा, "अक्सर युवा मंत्री जोश में आकर कुछ ऐसा कह जाते हैं, जो संवेदनशील मुद्दों को और बढ़ावा देता है। मैं व्यक्तिगत रूप से ऐसे मंत्रियों से बात करता हूं और उन्हें समझाने की कोशिश करता हूं कि मंत्री पद एक बड़ी जिम्मेदारी होती हैं।"

सरकार का रुख स्पष्ट

फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी नागरिकों को समान अधिकार और न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव नहीं करती। हम संविधान के अनुरूप काम कर रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे।" इससे पहले, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी दलों ने नितेश राणे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। हालांकि, फडणवीस के इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि सरकार मंत्रियों के बयानों पर नजर बनाए हुए है और समाज में शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रयासरत हैं।

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