अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद बीजेपी और सपा के बीच मुकाबला तेज हो गया है। 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को मतगणना होगी, दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंकी है।
Milkipur By Election: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान 7 जनवरी को चुनाव आयोग द्वारा किया गया। इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान होगा, और 8 फरवरी को मतगणना होगी। तारीखों के एलान के बाद से ही सियासी माहौल गरमा गया है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस सीट की कमान संभाली है, वहीं सपा ने भी अपने सभी पेंच कसे हुए हैं।
बीजेपी की नजर मिल्कीपुर पर
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार मिल्कीपुर सीट जीतकर अयोध्या सीट पर मिली हार का बदला लेने की कोशिश में है। वहीं, सपा ने भी इस उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। यह सीट खासतौर पर महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह सीट पहले लोकसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी।
मिल्कीपुर सीट का जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट पर जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। यहां के 3.5 लाख पात्र मतदाताओं में से 1.2 लाख दलित, करीब 55,000 यादव (ओबीसी) और 30,000 मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा 60 हजार ब्राह्मण, 55 हजार पासी, 25 हजार ठाकुर, 25 हजार दलित, 50 हजार कोरी, चौरसिया, पाल और मौर्य समाज के लोग हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जो भी पार्टी दलितों के साथ-साथ ब्राह्मणों, क्षत्रियों और अन्य पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करेगी, वही इस सीट पर विजय प्राप्त कर पाएगी।
सपा का गढ़
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सपा का कब्जा वर्षों से रहा है। इस सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। साल 1991 से अब तक बीजेपी ने यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीते हैं, जबकि सपा और बसपा से छह बार और दो बार विधायक जीते हैं। साल 2002 में सपा के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को हराकर यह सीट जीती थी।
आधिकारिक उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर सीट पर अयोध्या से मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है। पार्टी ने अक्टूबर 2024 में ही अजीत को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। वहीं, बीजेपी ने अब तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। बसपा ने पहले ही उपचुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है, जबकि कांग्रेस सपा को समर्थन दे सकती है।
बीजेपी की चुनावी तैयारी
बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए 6 मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम योगी ने हाल ही में हुई एक बैठक में मंडल, शक्ति केंद्रों और बूथ इकाइयों में ज्यादा से ज्यादा मत प्राप्त करने की रणनीति तैयार की है।
इन मंत्रियों में प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर शामिल हैं। ये मंत्री मिल्कीपुर में विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बैठक करेंगे और मतदान को अपने पक्ष में कराएंगे।
बीजेपी और सपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव बीजेपी और सपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है। दोनों ही पार्टियां इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं, और इस चुनावी मुकाबले में जातीय समीकरणों और रणनीतिक प्रयासों की अहम भूमिका रहेगी।