समाजवादी पार्टी (सपा) के एक विशेष सद्भाव कार्यक्रम में गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक खूबसूरत मिसाल देखने को मिली। इस आयोजन में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों के धर्मगुरु, साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों के गणमान्य लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासी फिजा में 2027 विधानसभा चुनाव की हलचल तेज़ होती जा रही है, और इसी माहौल के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने लखनऊ में एक बड़ा सांप्रदायिक सौहार्द कार्यक्रम आयोजित कर 'मिशन 2027' की ओर अपने कदमों का इशारा कर दिया है। बुधवार को सपा मुख्यालय में आयोजित ‘होली-ईद मिलन सद्भाव समारोह’ के बहाने पार्टी ने धर्म, जाति और समुदाय से परे एकता का पैगाम दिया।
इस अवसर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंच से साफ कहा कि हमारा देश गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। हम सब एक साथ त्योहार मनाते हैं और यही भारत की खूबसूरती है। समारोह में उनकी पत्नी और मैनपुरी सांसद डिंपल यादव भी मौजूद रहीं।
सभी धर्मों के धर्मगुरुओं की मौजूदगी, एकता का संदेश
कार्यक्रम में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के प्रमुख धर्मगुरुओं की शिरकत रही। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली से लेकर पंडित रविन्द्र दीक्षित, ज्ञानी गुरमेहर सिंह, फादर डोनाल्ड डिसूजा और स्वामी ओमा द अक तक हर पंथ के प्रतिनिधि मंच पर साथ बैठे और एक-दूसरे को होली व ईद की बधाई दी। यह पहल न सिर्फ धार्मिक सहिष्णुता का परिचायक रही, बल्कि आगामी चुनावों से पहले सपा द्वारा समावेशी राजनीति की रणनीति को भी रेखांकित करती है।
कार्यक्रम की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पियानिस्ट ब्रायन सिलास की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने लता मंगेशकर, अनुराधा पौडवाल और कई प्रसिद्ध संगीत निर्देशकों की धुनें पियानो पर बजाकर एकता की एक अलग ही ध्वनि रच दी।
मिशन 2027 की जमीन तैयार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आयोजन सिर्फ एक ‘सांस्कृतिक समारोह’ नहीं बल्कि 2027 चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। सपा जहां एक ओर भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे का जवाब देना चाहती है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम, दलित, ब्राह्मण और पिछड़े वर्गों के बीच अपना सामाजिक गठजोड़ भी पुनः सशक्त करना चाहती है।
कार्यक्रम में धर्मगुरु और विशिष्ट जन रहे मौजूद
• मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली (इमाम, ईदगाह ऐशबाग)
• मौलाना याकूब अब्बास, मौलाना फजले मन्नान (टीले वाली मस्जिद)
• श्री ज्ञानी गुरमेहर सिंह (हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा)
• फादर डोनाल्ड डिसूजा
• मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी (शिया चांद कमेटी अध्यक्ष)
• पंडित रविन्द्र दीक्षित
• स्वामी ओमा द अक
• प्रो. नैयर जलालपुरी (यश भारती सम्मानित)
• डॉ. साबिरा हबीब, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. वंदना
• मौलाना फखरूल हसन नदवी, मौलाना सैफ अब्बास
• मौलाना आरिफ जहूर, हाफिज सईद अहमद
• श्रीमती ताहिरा हसन, श्रीमती कमर रहमान आदि।