मध्य प्रदेश की सीएम मोहन यादव के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने प्रदेश की सभी स्कूलों में गुरु पूर्णिमा पर्व के पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। इसी दौरान कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया है।
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने के लिए सरकार द्वारा जारी एक आदेश पर सियासत शुरू हो गई है। MP की मोहन यादव सरकार ने 20 और 21 जुलाई को स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने का आदेश जारी किया है, लेकिन वहीं, सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने विरोध जताया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार का यह फैसला सर्वधर्म सद्भाव के खिलाफ है।
गुरु पूर्णिमा पर दो दिवसीय कार्यक्रम
सीएम मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने प्रदेश में सभी स्कूलों में गुरु पूर्णिमा उत्सव पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के तहत प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में 20 जुलाई को प्रार्थना सभा, गुरु-शिष्य संस्कृति पर प्रकाश और निबंध लेखन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वहीं, इसके अगले दिन 21 जुलाई को वीणा वादिनी मां सरस्वती वंदना, गुरु वंदना, दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
फैसले पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार का यह आदेश धर्म विशेष को उजागर करता है। सरकार को इस तरह की अनिवार्यता खत्म करनी चाहिए न की इसे बढ़ाना चाहिए। क्योंकि स्कूलों में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं और इस तरह के आदेश से बच्चों में असामनता का भाव पैदा होता।
बता दें कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के विरोध को गलत ठहराया है। बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने अपने बयान में कहा कि सरकार जब स्कूलों में मिड-डे मील देते समय भेद नहीं करती, तो इन धार्मिक मामलों में क्यों करेगी?
भारत में गुरुपूर्णिमा का विशेष महत्व
हमारे भारत देश में गुरु पूर्णिमा पर्व का विशेष महत्व है। इसे आषाढ़ पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी खास तौर पर जाना जाता है। बता दें कि गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेद व्यास जी को समर्पित है क्योंकि, आषाढ़ शुक्ल माह की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास का 3000 वर्ष पूर्व जन्म हुआ था।
मान्यता है कि उनके जन्म पर ही गुरु पूर्णिमा जैसे महान उत्सव मनाने की परंपरा को शुरू किया गया था। हिंदी पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सभी शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं।