आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ मंगलवार को छात्र राज्य सचिवालय की ओर मार्च करेंगे और नवान्न अभियान की शुरुआत करेंगे। इस मामले में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आइजी और डीआइजी रैंक के 21 पुलिस अधिकारियों को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई हैं।
कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ आज, मंगलवार (27 अगस्त) को आक्रोशित छात्र, प्रदेश सचिवालय नबन्ना भवन के आसपास नबन्ना अभियान (Nabbana Protest) करेंगे। यह मार्च पश्चिमबंगा छात्र समाज नामक संगठन के बैनर तले आयोजित किया गया है। ममता सरकार के खिलाफ छात्रों के इस प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन प्राप्त है। बता दें प्रदर्शन की सुरक्षा व्यवस्था के लिए शहर में 4,500-5,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। सुरक्षा के विशेष जिम्मे के लिए आइजी और डीआईजी रैंक के 21 पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया गया हैं।
क्या हैं नबन्ना अभियान?
जानकारी के आधार पर अधिकारीयों ने मीडिया को बताया कि साल 2011 से पहले पश्चिमी बंगाल का सचिवालय रायटर्स बिल्डिंग में स्थित था। लेकिन 2011 में ममता बनर्जी की सरकार (तृणमूल कांग्रेस) ने हावड़ा के हुबली नदी के किनारे एक नई इमारत को सचिवालय के रूप में स्थापित किया, जिसका नाम 'नबान्न' रखा गया। यहां 'नब' का अर्थ है 'नया'। छात्रों द्वारा उसी सचिवालय की ओर नारेबाजी करते हुए जाने वाले अभियान को 'नबन्ना अभियान' नाम दिया गया हैं।
अभियान को लेकर पुलिस ने किया सुरक्षा का कड़ा इंतजाम
एसपी और डीएसपी रैंक के 13 पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के 15 अधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा। इसी बीच सोमवार को पुलिस ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर आंदोलन को गैरकानूनी घोषित करते हुए इसे अशांति फैलाने की साजिश बताया है। इस अभियान के लिए पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सरकार की कोशिश है कि इस अभियान के दौरान पुलिस लाठी-डंडे का प्रयोग न करें। हालांकि पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई कानून व्यवस्था को भंग करने की कोशिश करता है, तो उन पर पानी की बौछारें की जाएंगी।
टीएमसी नेता ने अभियान को लेकर क्या कहा?
नवान्न अभियान को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल कुमार घोष ने आरोप लगाया कि इस अभियान के पीछे एक बड़ी साजिश की जा रही है। टीएमसी नेता ने कहा कि इस अभियान को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), माकपा और कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है। दूसरी ओर केंद्रीय राज्य मंत्री और बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने टिप्पणी की है कि ममता सरकार छात्रों के आंदोलन से भयभीत है, यही कारण है कि वह इसे दबाने की कोशिश कर रही हैं।