बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) जानबूझकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दरकिनार कर रही है।
Nitish Kumar Bihar CM Face: बिहार की राजनीति एक बार फिर से करवट लेती दिख रही है। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों की रणनीतियां और सियासी वार-पलटवार तेज हो गए हैं। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक बड़ा सियासी तीर चलाया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।
राजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बिहार दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा घोषित न किए जाने पर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि बीजेपी अब जेडीयू और नीतीश कुमार को किनारे लगाने की योजना में जुट गई है।
पीएम मोदी का दौरा, पर नीतीश के नाम का ज़िक्र नहीं!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 और 30 मई को बिहार के दो दिवसीय दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पटना में रोड शो, बीजेपी कार्यालय में संगठनात्मक बैठकें और बिक्रमगंज में विशाल जनसभा को संबोधित किया। लेकिन इन तमाम कार्यक्रमों में एक बात साफ दिखी—नीतीश कुमार को लेकर कोई ठोस ऐलान नहीं हुआ। ना ही उन्हें सार्वजनिक मंच से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया गया और ना ही जेडीयू को लेकर विशेष संकेत दिए गए।
इस चुप्पी को लेकर आरजेडी ने बड़ा हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि पीएम मोदी उन्हें एनडीए का सीएम चेहरा घोषित करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका मतलब साफ है बीजेपी अब नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं कर रही है।
आरजेडी का दावा: ‘बीजेपी का मकसद है जेडीयू का अंत’
राजद ने यह भी दावा किया कि बीजेपी अब नीतीश कुमार की राजनीतिक हैसियत को कमजोर करने में लगी है। पार्टी का आरोप है कि बीजेपी को अब नीतीश कुमार की ज़रूरत सिर्फ चुनावी वोटों तक सीमित है और अगर एनडीए को बहुमत मिला तो मुख्यमंत्री बीजेपी का ही कोई नेता बनेगा। मृत्युंजय तिवारी ने कहा, बीजेपी का इतिहास रहा है कि वह अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे किनारे लगाती है। पहले अकाली दल, फिर शिवसेना और अब बारी जेडीयू की है।
जेडीयू ने राजद के इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, राजद को नीतीश कुमार की लोकप्रियता से जलन हो रही है। 2025 से 2030 तक फिर से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। नीतीश वहां जाते हैं जहां सत्ता चल पड़ती है। उनकी अनुभव और कार्यशैली का कोई मुकाबला नहीं। जेडीयू ने यह भी सवाल उठाया कि जब राहुल गांधी बिहार में कई बार आए, तब उन्होंने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा क्यों नहीं घोषित किया?
अमित शाह ने की थी नीतीश की तारीफ, पर पीएम मोदी खामोश क्यों?
मार्च 2025 में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आए थे, तब उन्होंने मंच से साफ कहा था कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन अब जब पीएम मोदी खुद राज्य में आए, तो उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं दोहराई। यही बात राजद को हमला करने का मौका दे गई। राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि बीजेपी अब जेडीयू के साथ रिश्तों को 'लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट' नहीं मान रही है। गठबंधन बनाए रखना एक राजनीतिक मजबूरी है, लेकिन सत्ता की चाभी बीजेपी खुद के हाथ में चाहती है।
राजद ने चुनाव से पहले ही तेजस्वी यादव को अपना सीएम चेहरा घोषित कर दिया है। पार्टी लगातार यह संदेश दे रही है कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है, तो मुख्यमंत्री तेजस्वी ही बनेंगे। इस बार राजद की रणनीति है कि वो सीधा मुकाबला बीजेपी से दिखाए, जिससे नीतीश कुमार को "ग़ैर-प्रासंगिक" बनाया जा सके।
तेजस्वी यादव भी लगातार राज्य भर में जनसभाएं कर रहे हैं और बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं। उनका जोर इस बात पर है कि बदलाव की हवा चल चुकी है और अब जनता ‘नई सोच और युवा नेतृत्व’ चाहती है।