New Delhi: दिल्ली के पर्यटन मानचित्र में जल्द जुड़ेगा एक नया नाम, DDA बना रहा यह स्थल, जानिए क्या होगी इसकी खासियत?

New Delhi: दिल्ली के पर्यटन मानचित्र में जल्द जुड़ेगा एक नया नाम, DDA बना रहा यह स्थल, जानिए क्या होगी इसकी खासियत?
Last Updated: 7 घंटा पहले

दिल्ली का सबसे बड़ा हरित स्थान, जिसे यमुना वाटिका कहा जा रहा है, शहरी स्थिरता को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हो रहा है। यह परियोजना दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा 450 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जा रही है। यमुना वाटिका न केवल एक विशाल हरित क्षेत्र होगा, बल्कि यह दिल्ली में घूमने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए सबसे बड़ी जगह बन जाएगी।

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के पर्यटन मानचित्र पर एक नया नाम जुड़ने जा रहा है, और वह है 'यमुना वाटिका'। यह हरित स्थान 450 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार किया जा रहा है। यमुना नदी के किनारे स्थित यह वाटिका दिल्ली में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने के लिए तैयार है, जो अपनी अनूठी सुंदरता और शहरी भूदृश्य को नई पहचान देगा।

यमुना वाटिका को अनेक प्रकार के फूलों और पेड़ों के बगीचों से सजाया गया है, और यह दिल्ली के सबसे बड़े और आकर्षक हरित स्थानों में से एक होगा। बगीचों को तीन स्तरीय डिजाइन में तैयार किया गया है, जो न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि शहरी स्थिरता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शानदार पहल 

उपराज्यपाल वीके सक्सेना की इस पहल का उद्देश्य दिल्ली के शहरी पर्यावरण को सुंदर और समृद्ध बनाना है। यमुना वाटिका का निर्माण दिल्ली का पहला समर्पित ‘फूलों का क्षेत्र’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना यमुना बाढ़ क्षेत्र के 450 एकड़ में फैले क्षेत्र के पुनरुद्धार की योजना का हिस्सा है, जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार की जा रही हैं।

यमुना वाटिका को एक मल्टी-एक्टीविटी हरित स्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां प्रकृति से जुड़ी गतिविधियों का आनंद लिया जा सकेगा। इसमें विभिन्न प्रकार के सुंदर फूलों और पेड़ों के बगीचे शामिल होंगे, जो इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बना देंगे। इसके तहत गुलमोहर, अमलतास, चिनार, और विदेशी प्रजातियों जैसे चेरी ब्लासम के पौधों समेत करीब आठ हजार स्वदेशी पेड़ लगाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, यमुना वाटिका में करीब 10 हजार बांस के पौधे भी पहले ही लगाए जा चुके हैं, जो बाढ़ क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। यह परियोजना न केवल दिल्ली के पर्यावरण को सशक्त बनाएगी, बल्कि यहां रहने वाले लोगों के लिए एक स्वस्थ और हरे-भरे वातावरण की भी गारंटी प्रदान करेगी। यमुना वाटिका के पूरा होने पर यह स्थान पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक शांतिपूर्ण और शहरी जीवन से दूर प्रकृति का अनुभव करने का महत्वपूर्ण स्थल बनेगा।

गुमने के लिए खास होगी यमुना वाटिका

यमुना वाटिका दिल्ली के हरित आवरण को बढ़ाने के साथ-साथ यहां आने वाले लोगों को एक अद्वितीय प्राकृतिक माहौल प्रदान करेगा। इस वाटिका में लगाए गए पेड़ न केवल शहरी पर्यावरण में हरियाली का योगदान देंगे, बल्कि यह स्थान पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक शांतिपूर्ण और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण बनाएगा।

यमुना वाटिका में चार बड़े तालाब बनाए गए हैं, जो बाढ़ के दौरान जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये तालाब न केवल पानी को संजोने का काम करेंगे, बल्कि बाढ़ को नियंत्रित करने में भी मदद करेंगे। जल संचयन की इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यमुना बाढ़ क्षेत्र में जल निकासी और जल संग्रहण की क्षमता को बढ़ाया जा सके।

यह पहल उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली को हरा-भरा बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले भी उन्होंने कई अन्य हरित स्थलों के पुनर्निर्माण और विकास की पहल की है, जैसे बांसेरा, असिता पूर्व, वैष्णवी, वासुदेव घाट, और जीर्णोद्धार किए गए रोशनारा बाग और नर्सरी। इन स्थलों की सफलता के बाद, यमुना वाटिका को भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां हर दिन हजारों लोग प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने के लिए आएंगे।

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