News: पीएम मोदी ने लाल किले पर किया ध्वजारोहण, संबोधन में महिला अत्याचार और करप्सन पर दिया जोर, जानिए मोदी जी के भाषण की 10 बड़ी बातें

News: पीएम मोदी ने लाल किले पर किया ध्वजारोहण, संबोधन में महिला अत्याचार और करप्सन पर दिया जोर, जानिए मोदी जी के भाषण की 10 बड़ी बातें
Last Updated: 15 अगस्त 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय एकता, विकास और शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहां कि हमारे देश में जाति, पात और पंथ से ऊपर उठकर हर घर तिरंगा फहराया जाता है, जो हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। मोदी जी ने बताया कि आज देश के 3 करोड़ परिवारों को नल से जल मिल रहा है, जो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का परिणाम हैं।

लाल किला नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से देश को विकसित बनाने के अपने लक्ष्य पर खुलकर बात की। उनके भाषण में किसानों की समस्याओं से लेकर महिला सुरक्षा तक, हर एक मुद्दा शामिल रहा। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वाले वीरों को नमन करते हुए कहां कि देश उनका ऋणी है। मोदी जी ने अपने भाषण में आने वाले वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपनी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान देशवासियों से एकजुट होकर देश को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहां कि देश की प्रगति के लिए हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण हैं।

1. भारत को बनाएंगे विकसित राष्ट्र

मोदी जी में कहां कि 40 करोड़ लोगों ने मिलकर गुलामी की बेड़ियाँ तोड़कर आजादी हासिल की थी। अगर आज 140 करोड़ भारतीय एक साथ मिलकर संकल्प लें, तो वो क्या नहीं हासिल कर सकते? "विकसित भारत 2047" सिर्फ़ एक नारा नहीं है, बल्कि 140 करोड़ लोगों के संकल्प और सपनों का प्रतीक है। हमारे देश के लोग "विकसित भारत 2047" के लिए कई सुझाव दे रहे हैं। राष्ट्र को विनिर्माण का केंद्र बनाना, "सीड कैपिटल" बनाना, ये सब हमारे लक्ष्य को पाने के लिए ज़रूरी हैं। अगर हम सब मिलकर काम करें, तो यह संकल्प सफलता की ओर ले जाएगा।

2. किसानों के लिए व्यापक प्रयास

मोदी जी ने कहां कि किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसके लिए बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा जताया है कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना समय की मांग है। किसानों को आधुनिक पद्धतियाँ अपनाने के लिए सरकार हरसंभव मदद दे रही है। ये प्रयास किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

3. महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

पीएम मोदी ने कहां कि देश में करीब 10 करोड़ महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने से एक अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह समूह केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि महिलाओं को परिवार के फैसलों में सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करते हैं। यह देखकर गर्व होता है कि ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपनी आर्थिक स्वतंत्रता के साथ ही सामाजिक परिवर्तन का भी नेतृत्व कर रही हैं।

जब महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं, तो वे परिवार के निर्णयों में अपनी राय रखने और उनमें महत्वपूर्ण योगदान करने में सक्षम होती हैं। इसके परिणामस्वरूप, परिवारों में न्याय और समानता बढ़ती है। यह सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण पहलू है जो हमारे समाज को एक बेहतर दिशा में ले जाने में मदद कर सकता है। स्वयं सहायता समूहों का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण का एक अद्भुत उदाहरण है, जो समाज के सभी क्षेत्रों में विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रहा हैं।

4. भारत में इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग को दिया बढ़ावा

मोदी जी ने कहां कि भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बन जाएगा। विदेशी उद्योगपति भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं. हमारे देश की विकास क्षमता को देखते हुए। यह एक सुनहरा अवसर है, जिसका हम सभी को लाभ उठाना चाहिए। लेकिन इस अवसर को साकार करने के लिए राज्य सरकारों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। निवेशकों के लिए स्पष्ट नीतियां बनाना ज़रूरी है, ताकि उन्हें भारत में निवेश करने में कोई संकोच हो। साथ ही कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना और निवेशकों को सुरक्षा का आश्वासन देना भी ज़रूरी हैं।

राज्यों के बीच निवेश आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, लेकिन यह प्रतिस्पर्धा सकारात्मक होनी चाहिए। राज्य सरकारों को अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों और अवसरों को उजागर करके निवेशकों को आकर्षित करना चाहिए। यह समय भारत को एक नए युग में ले जाने का है. एक युग जो विकास, समृद्धि और अवसर से भरा होगा। आइए हम सभी मिलकर इस अवसर को भुनाएं और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बनाएं!

5. भारत के CEO दुनिया में विख्यात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की वैश्विक सफलता और स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की उपलब्धियों के बीच एक समानता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहां कि "जहां हमारे सीईओ वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहे हैं, वहीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन रही हैं।" मोदी जी ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहां कि ये महिलाएं केवल अपने परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

उन्होंने कहां कि ये समूह केवल आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रहे हैं। सरकार ने इन समूहों को 10 लाख से 20 लाख रुपये तक आवंटित करने का फैसला किया है। यह आर्थिक सहायता समूहों को और मजबूत बनाने में मदद करेगी और महिलाओं को और अधिक अवसर प्रदान करेगी। मोदी जी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार स्वयं सहायता समूहों को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगा और महिलाओं को अपनी क्षमता को अन्वेषित करने का अधिक अवसर प्रदान करेगा।

6. बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता

मोदी जी ने कहां कि बांग्लादेश की स्थिति पर भारत को एक पड़ोसी देश के तौर पर चिंता होना स्वाभाविक है। मैं यह समझ सकता हूँ। मेरी उम्मीद है कि वहां की स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी। खासकर 140 करोड़ देशवासियों को वहां के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई की चिंता है। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के रास्ते पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में भारत पूरी तरह से सहभागी बनेगा। क्योकि हम मानवता की भलाई के लिए हमेशा आगे रहते हैं।

7. देश के लिए रिफॉर्म को बनाया मजबूत

मोदी जी ने कहां हमारी सरकार ने बड़े बदलावों, सुधारों को जमीन पर उतारने का बीड़ा उठाया है। ये सुधार सिर्फ कागजों पर नहीं बल्कि हमारे देश के हर नागरिक के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं। गरीब, मध्यम वर्ग, वंचित लोग हो, बढ़ती शहरी आबादी और नौजवानों के सपने इन सभी के जीवन में बदलाव लाने का हमने संकल्प लिया है। ये सुधार किसी पक्षपात या राजनीतिक दबाव की वजह से नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति हमारी अटूट निष्ठा और विकास की दृष्टि से किए जा रहे हैं। हमारे द्वारा किए गए सुधार देश के विकास के लिए एक नया ब्लूप्रिंट तैयार करते हैं। ये बदलाव राजनीति के दबाव में नहीं बल्कि राष्ट्र के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।

8. महिलाओं  पर अत्याचार गंभीर चिंता

मोदी जी ने कहां महिलाओं के प्रति अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का समय देश में बढ़ती महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों पर हो रहे अत्याचार के प्रति आम जनता में रोष व्याप्त है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसके प्रति हम सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की जल्द से जल्द जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए। राक्षसी कृत्य करने वालों को कड़ी सजा देकर ही समाज में विश्वास पैदा किया जा सकता है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा का माहौल बनाएँ।

9. विपक्ष पर कसा तंज

मोदी जी ने कहां कि हम सब मिलकर देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यह देखने में खुशी नहीं होती है। ये लोग खुद का ही भला चाहते हैं और दूसरों की तरक्की उन्हें अच्छी नहीं लगती. ये लोग हमारी प्रगति में बाधा डालने की कोशिश करते हैं. हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा और उनकी नकारात्मक सोच को दरकिनार करना होगा. हमारी देशभक्ति और ईमानदारी से ही हम इन लोगों का सामना कर सकते हैं. मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूँगा और देश को एक बेहतर जगह बनाने के लिए मेरा संकल्प अटूट हैं।

 

10. नालंदा की आत्मा को करना होगा पुनः जीवित

मोदी जी ने कहां कि नालंदा की नई शुरुआत और बिहार का इतिहास गौरव से भरा हुआ है. तथा नालंदा विश्वविद्यालय इसकी सबसे चमकदार मिसाल है। हाल ही में हमने नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण किया है और यह एक बार फिर से ज्ञान के प्रकाश से जगमगा रहा है। लेकिन अब हमें केवल एक नया विश्वविद्यालय बनाने से संतुष्ट नहीं रहना चाहिए। हमें शिक्षा के क्षेत्र में उस सदियों पुरानी नालंदा स्पिरिट को पुनर्जीवित करना होगा। नालंदा की आत्मा को जीवित रखना होगा, उस आत्मा को लेकर हम विश्व की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना दे सकते हैं। यह वह समय है जब हम नई पीढ़ी में नालंदा की आत्मा का बीजारोपण करें, जिससे भारत और विश्व एक बार फिर ज्ञान और सृजनात्मकता का केंद्र बन सके।

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