टाटा ट्रस्ट की कमान अब नोएल टाटा के हाथों में होगी। वे दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। टाटा ट्रस्ट, टाटा ग्रुप में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखता है। इससे पहले रतन टाटा इसके चेयरमैन थे, लेकिन उन्होंने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं चुना। रतन टाटा ने शादी भी नहीं की थी। इसलिए, टाटा ट्रस्ट के बोर्ड ने नोएल टाटा को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन नियुक्त किया है।
TATA Group: टाटा ग्रुप की विरासत अब नोएल टाटा के हाथों में होगी। टाटा ट्रस्ट ने नोएल टाटा को नया चेयरमैन नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष रतन टाटा थे, जिनका बुधवार (9 अक्टूबर) की रात को निधन हो गया। उन्होंने अपने स्थान पर किसी का उत्तराधिकारी नहीं चुना था। वर्तमान में, टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है, जिसके अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन हैं। हालांकि, टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी अब नोएल टाटा के पास होगी, जो इस प्रतिष्ठित संस्थान का नेतृत्व करेंगे।
टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन क्यों बने नोएल टाटा?
रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा ट्रस्ट के बोर्ड को एक सार्वजनिक धर्मार्थ संस्था के रूप में मौजूदा ट्रस्ट्रियों में से किसी एक को नया चेयरमैन नियुक्त करना था। इस जिम्मेदारी को बोर्ड ने नोएल टाटा को सौंपा है। नोएल इससे पूर्व सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी रह चुके हैं।
इन ट्रस्टों के पास कुल मिलाकर टाटा संस में 66 फीसदी की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। उन्हें सर्वसम्मति से टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया है। इससे शेयरधारकों के बीच यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि टाटा परिवार का कोई सदस्य ट्रस्ट का प्रबंधन कर रहा है।
कौन हैं टाटा कंपनी के नए चेयरमैन?
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वे रतन टाटा के पिता, नवल टाटा और मां, सिमोन टाटा की संतान हैं। वर्तमान में, नोएल टाटा टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और नॉन-एग्जीक्यूटिव निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। पिछले चार दशकों से, नोएल टाटा टाटा समूह में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। वे टाटा समूह की कई कंपनियों के बोर्ड में भी सक्रिय हैं। उनके पास ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में अध्यक्ष के पद का दायित्व है, जबकि टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड में वे उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।
कब रखी गई टाटा ट्रस्ट की नींव?
टाटा ट्रस्ट की नींव जमशेदजी टाटा, जो नोएल और रतन के परदादा थे, ने 1892 में रखी थी। टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो कि 150 साल से अधिक पुराने टाटा ब्रांड के अंतर्गत विभिन्न कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है। इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी हमेशा से टाटा परिवार के सदस्यों द्वारा निभाई गई है। रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और उन्होंने टाटा ट्रस्ट में किसी उत्तराधिकारी का भी निर्धारण नहीं किया। इस प्रकार, टाटा ट्रस्ट के बोर्ड ने नोएल टाटा को छठे चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया है।
टाटा ग्रुप का व्यवसाय
टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। आज यह ग्रुप 100 से अधिक देशों में अपने कारोबार का संचालन कर रहा है। टाटा ग्रुप का व्यवसाय विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिसमें रसोई का नमक, रसायन, सॉफ़्टवेयर, ऑटोमोबाइल और विमानन शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का कुल राजस्व 13.86 लाख करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा, टाटा ट्रस्ट ने वर्ष 2023 में 470 करोड़ रुपये का दान भी दिया था।