समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा में भाजपा की भूमिका थी और राज्य सरकार और प्रशासन पर भी जमकर निशाना साधा।
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई। उन्होंने इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि प्रशासन की लापरवाही और बयानों के कारण यह घटना घटी।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की और कहा कि सरकार को इस पर जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस हिंसा ने संभल में भाईचारे को नुकसान पहुंचाया और बीजेपी तथा उसके सहयोगी दलों के नेताओं द्वारा समाज में विद्वेष फैलाने की कोशिश की जा रही हैं।
'संभल में जो घटना हुई, वह एक सोची-समझी साजिश है' - अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने संभल मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी और इसके पीछे सत्ता की मंशा थी। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को उपचुनाव होने थे, लेकिन उन्हें जानबूझकर 20 नवंबर तक टाल दिया गया, जो कि सरकार की संविधान विरोधी गतिविधियों को दर्शाता हैं।
उन्होंने शाही जामा मस्जिद के खिलाफ दायर याचिका का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि कोर्ट ने दूसरे पक्ष की बात सुने बिना ही मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश पारित कर दिया। 19 नवंबर को सर्वेक्षण किया गया और रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जानी थी, लेकिन इससे पहले ही हिंसा की घटना घटी, जिससे पूरे मामले पर सवाल खड़े हो गए।
अखिलेश यादव ने अधिकारियों पर कार्रवाई की उठाई मांग
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर और भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को फिर से सर्वेक्षण किया गया, जिसके दौरान लोग सर्वेक्षण का कारण जानने के लिए एकत्र हुए थे। इस दौरान सर्किल ऑफिसर ने भीड़ के साथ दुर्व्यवहार किया और लाठीचार्ज किया। इसके बाद पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों से गोलीबारी की, जिसमें कई लोग घायल हो गए और 5 निर्दोष लोग मारे गए।
अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन की कड़ी आलोचना की और मांग की कि हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने इसे दिल्ली और लखनऊ की लड़ाई बताते हुए कहा कि दिल्ली में जिस रास्ते से लोग पहुंचे हैं, उसी रास्ते से लखनऊ वाले भी दिल्ली पहुंचना चाहते हैं।