Politics News: विपक्ष नेता ने भजनलाल सरकार से की बड़ी मांग, कहा- 'नए जिलों की समीक्षा को लेकर सरकार अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है'

Politics News: विपक्ष नेता ने भजनलाल सरकार से की बड़ी मांग, कहा- 'नए जिलों की समीक्षा को लेकर सरकार अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है'
Last Updated: 03 नवंबर 2024

भजनलाल सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों के गठन पर पुनर्विचार कर रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, जिससे इस विषय पर चर्चा की जा सके। टीकाराम जूली ने कहा कि नए जिलों का गठन जनता की आवश्यकताओं और विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया था और सरकार को इस निर्णय को बनाए रखने पर विचार करना चाहिए।

जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई फैसलों की समीक्षा कर रही है, जिसमें विशेष ध्यान नए जिलों के गठन पर दिया जा रहा है। इसके लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया है। भाजपा ने नए जिलों के गठन को राजनीतिक स्वार्थ का निर्णय बताते हुए आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नए जिलों का मनमर्जी से गठन किया। भाजपा नेताओं का कहना है कि कई नए जिले तो आवश्यक मानदंडों को भी पूरा नहीं करते हैं, फिर भी उन्हें जिले के रूप में घोषित किया गया।

इस संदर्भ में मंत्री मंडलीय समिति की सिफारिश के आधार पर भजनलाल सरकार जल्द ही अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है। इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार के समक्ष एक महत्वपूर्ण मांग रखी है, जिसमें उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि यह मामला जनता के हितों से जुड़ा हुआ है और इस पर पारदर्शिता के साथ चर्चा की जानी चाहिए। जूली ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इस विषय पर गंभीरता से विचार करे और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर निर्णय ले।

कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने कहा कि...

कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने नए जिलों के गठन के संदर्भ में पूर्ववर्ती सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि यह निर्णय सोच-समझकर लिया गया था। उनका मानना है कि छोटे जिलों के गठन से प्रशासनिक कार्य अधिक प्रभावी ढंग से संपादित होंगे, जिससे विकास की गति भी दोगुनी हो सकेगी। जूली ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की कई योजनाओं को बंद कर दिया है और उनके नामों में बदलाव कर रही है, जो जनता को भ्रमित करने का प्रयास हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इन बदलावों से प्रदेश की जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जूली ने यह भी कहा कि सरकार नए जिलों की समीक्षा के नाम पर अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है, और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार नए जिलों में कटौती करने की सोच रही है, तो यह बिल्कुल उचित नहीं होगा।

टीकाराम जूली ने सरकार से मांग की है कि नए जिलों के विषय में निर्णय लेने से पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए, ताकि पूर्व आईएएस ललित के. पंवार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि रिपोर्ट में जो मुद्दे उठाए गए हैं, उन्हें जनता के सामने पेश करना चाहिए ताकि सबको इस विषय में स्पष्टता मिले।

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