उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पूजा पाल ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वह अब भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रही हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इस दौरान एक नाम विशेष रूप से चर्चा में आया है, और वह नाम है पूजा पाल का। पूजा पाल, जो समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक हैं और कौशांबी जिले के चायल विधानसभा सीट से प्रतिनिधित्व करती हैं, अब भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रही हैं।
पूजा पाल का यह कदम राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि वह सपा से जुड़ी हुई हैं, लेकिन अब भाजपा के समर्थन में सक्रिय हो गई हैं। वह उन इलाकों में प्रचार कर रही हैं जहां पाल बिरादरी की संख्या अधिक है, और उनके समर्थन से भाजपा को इन इलाकों में फायदा हो सकता हैं।
सीएम योगी मेरा 'भाई' हैं - पूजा पाल
पूजा पाल का यह कदम यूपी में उपचुनावों के दौरान राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है। फरवरी में राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के बाद अब पूजा पाल भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में सक्रिय हो गई हैं। उनका यह कदम उनकी व्यक्तिगत त्रासदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली न्याय की कृतज्ञता का प्रतीक बताया गया हैं।
पूजा पाल का कहना है कि उनके पति राजू पाल की हत्या के बाद उन्हें न्याय दिलाने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में माफिया के खिलाफ कार्रवाई से उन्हें न्याय मिला। उन्होंने यह भी कहा कि यह वोट उनकी व्यक्तिगत कृतज्ञता का इज़हार है, जो उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के प्रति जताया।
पूजा पाल ने उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसंपर्क बढ़ा दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पाल बिरादरी के लोग अधिक हैं। उन्होंने 16 ग्राम पंचायतों का दौरा किया और नुक्कड़ सभाएं आयोजित कीं। मझवां विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी शुचिस्मिता मौर्या के लिए भी वोट मांगे और सपा के खिलाफ जनता से आग्रह किया कि वे सपा प्रत्याशी को हराकर उनके पति की हत्या का बदला लें।
कौन हैं पूजा पाल?
पूजा पाल की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। उनका जीवन व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही दृष्टियों से संघर्षों से भरा हुआ है। राजू पाल की हत्या के बाद उनका जीवन एक नई दिशा में मोड़ गया, और उन्होंने न केवल न्याय की लड़ाई लड़ी, बल्कि राजनीति में भी कदम रखा।पूजा पाल की शादी के महज 11 दिन बाद ही उनके पति की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस मामले में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस समय बसपा प्रमुख मायावती ने पूजा पाल का समर्थन किया और उन्हें पार्टी टिकट दिया था।
हालांकि, पहले उपचुनाव में उन्हें अशरफ से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2007 में उन्होंने बसपा के टिकट पर शहर पश्चिमी सीट से जीत हासिल की, और 2012 में भी इस सीट पर उनकी जीत दर्ज हुई। हालांकि, 2017 में भाजपा की लहर के कारण पूजा पाल को हार का सामना करना पड़ा और सिद्धार्थनाथ सिंह से उन्हें पराजय मिली। इसके बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था।
अब उपचुनाव में पूजा पाल ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सक्रिय होकर इस राजनीतिक युद्ध में एक नया मोड़ दिया है। उनके समर्थन की वजह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले न्याय का आभार है, जिसके कारण उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के लिए जनसंपर्क करना शुरू किया हैं।