Punjab: किसानों के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन पर सीएम मान ने जताई चिंता, कहा- पंजाब को हो रहा भारी नुकसान

Punjab: किसानों के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन पर सीएम मान ने जताई चिंता, कहा- पंजाब को हो रहा भारी नुकसान
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

पंजाब में किसानों का विरोध जारी है। सीएम भगवंत मान ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताया और चेताया कि वह कार्रवाई से नहीं डरते, लेकिन सभी के हितों का ध्यान रखेंगे।

Punjab News: पंजाब में किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान भी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। किसान संगठनों और राज्य सरकार के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। किसानों के अनुसार, बैठक के दौरान सीएम भगवंत मान गुस्सा हो गए और बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए। वहीं, सीएम मान ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने बैठक इसलिए रद्द की क्योंकि किसान बातचीत के बीच भी प्रदर्शन जारी रखना चाहते थे।

किसानों के लगातार प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री की नाराजगी

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के ‘रेल रोको’ और ‘सड़क रोको’ जैसे आंदोलनों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है और पंजाब 'धरना' प्रदेश बनता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नरमी को कमजोरी न समझा जाए, क्योंकि वह पूरे राज्य के संरक्षक हैं और कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।

बैठक के दौरान क्यों नाराज हुए सीएम मान?

सीएम भगवंत मान ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने किसानों से 5 मार्च को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर सवाल किया। जब किसानों ने कहा कि यह जारी रहेगा, तो उन्होंने बैठक बीच में ही छोड़ दी। उन्होंने कहा, "अगर आप मुझसे बातचीत करते हुए भी मोर्चा जारी रखना चाहते हैं, तो बैठक का कोई फायदा नहीं।"

किसान नेताओं ने सीएम के व्यवहार को बताया अनुचित

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने मुख्यमंत्री के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह बेहद गुस्से में थे और बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती, वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।

5 मार्च से अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी

बैठक के बेनतीजा रहने के बाद किसान संगठनों ने 5 मार्च से चंडीगढ़ में सात दिवसीय धरना शुरू करने की घोषणा की है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए भी तैयार हैं।

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