Rahul Gandhi: सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को पुणे कोर्ट का समन, 23 अक्टूबर को अदालत में होंगे पेश

Rahul Gandhi: सावरकर मानहानि मामले में राहुल गांधी को पुणे कोर्ट का समन, 23 अक्टूबर को अदालत में होंगे पेश
Last Updated: 05 अक्टूबर 2024

पुणे की एक विशेष अदालत ने राहुल गांधी को सावरकर के पोते द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में तलब किया है। अदालत ने राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है।

Pune Court: पुणे की एक विशेष अदालत ने विनायक दामोदर सावरकर के पोते द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को तलब किया है। इस मामले में कांग्रेस नेता पर सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने इस संदर्भ में बीते शुक्रवार को राहुल को समन जारी किया है।

पुणे अदालत ओर से राहुल गांधी को समन

पुणे की एक अदालत ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को समन जारी किया है। उन्हें दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर के पोते, सत्यकी सावरकर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होना होगा।

सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने पिछले साल यूके की अपनी यात्रा के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले की सुनवाई अब आगे बढ़ेगी और राहुल गांधी को अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

राहुल गांधी का विवादित बयान

सत्यकी सावरकर ने दर्ज कराई शिकायत अप्रैल 2023 में, राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक विवादित बयान के बाद, सत्यकी सावरकर, विनायक सावरकर के पोते, ने पुणे के एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। राहुल गांधी के बयान को सत्यकी सावरकर ने आपत्तिजनक माना है, जिसके कारण यह शिकायत दर्ज की गई है।

यह शिकायत उस समय की गई जब राहुल गांधी ने 5 मार्च, 2023 को लंदन में आयोजित एक सभा के दौरान सावरकर के बारे में कथित मानहानिकारक टिप्पणियाँ की थीं। शिकायत में कहा गया है कि गांधी ने जानबूझकर सावरकर की छवि को नुकसान पहुँचाने के लिए उन पर झूठे और हानिकारक आरोप लगाए, जिससे उन्हें और उनके परिवार को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मानहानि मामले में जांच के दिए निर्देश

इस वर्ष की शुरुआत में, अदालत ने पुणे पुलिस को धारा 202, सीआरपीसी के तहत मानहानि की शिकायत की जांच करने का आदेश दिया था। इससे पहले, गुरुवार को, वीर सावरकर के पोते और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव द्वारा वीर सावरकर की विचारधारा पर दिए गए बयान और चितपावन ब्राह्मण होने के बावजूद उनके "गोमांस खाने" के आरोपों के बाद कांग्रेस पर तीखा हमला किया।

वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि सावरकर को बदनाम करना कांग्रेस की रणनीति थी, खासकर जब चुनाव नजदीक हों। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए हिंदू समाज को विभिन्न जातियों में बांटना चाहती थी, जो कि अंग्रेजों की "फूट डालो और राज करो" की नीति के समान है।

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