इजरायल ने गाजा के नागरिकों को इंडोनेशिया भेजने की योजना बनाई, लेकिन अरब देशों के विरोध और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विस्थापन पर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या यह स्थायी समाधान होगा?
Explained: गाजा पट्टी पर इजरायली हमले और मानवाधिकारों के मुद्दे के बीच, फिलिस्तीनी नागरिकों को एक नए प्रस्ताव के तहत इंडोनेशिया भेजने की योजना बनाई जा रही है। इस प्रस्ताव के पीछे इजरायल की पहल है, जिसमें पहले 100 फिलिस्तीनी नागरिकों को अस्थायी रूप से कामकाजी कारणों से इंडोनेशिया भेजने का निर्णय लिया गया है। इन नागरिकों को कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने के लिए भेजा जाएगा, और अगर वे वहां सफल होते हैं तो भविष्य में और नागरिकों को भेजने की योजना बनाई जा सकती है।
इंडोनेशिया और इजरायल के बीच संभावित बातचीत
इंडोनेशिया, जो फिलिस्तीन का प्रमुख समर्थक रहा है और इजरायल को मान्यता नहीं देता, ने हालांकि इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है। सूत्रों के अनुसार, इंडोनेशिया ने इस पर कोई सार्वजनिक सहमति या एग्रीमेंट की पुष्टि नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि इस विषय पर बैकडोर वार्ता हुई होगी। इजरायल से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के बाद, यह योजना फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।
विस्थापन का दायरा: गाजा के लोगों के लिए क्या विकल्प?
गाजा में रहने वाले नागरिकों के लिए वापसी का अधिकार और सुरक्षा के सवाल खड़े हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने घर लौटने का अधिकार है, लेकिन इजरायल की ओर से विस्थापन की योजना पर संदेह जताया जा रहा है। गाजा के लोगों को, अगर वे बाहर चले जाते हैं, तो इजरायल द्वारा अपनी वापसी को रोकने का जोखिम भी हो सकता है।
अरब देशों का विरोध और विस्थापन पर चिंता
अरब देशों के लिए, गाजा के नागरिकों का स्थाई रूप से बाहर जाना फिलिस्तीन की स्वतंत्रता की कोशिशों को कमजोर कर सकता है। इन देशों का मानना है कि अगर फिलिस्तीनी लोग अपने घर छोड़ देंगे, तो यह तेल अवीव के नियंत्रण को और मजबूत करेगा। साथ ही, वे इस बात से भी चिंतित हैं कि शरण देने से उनके देश में अस्थिरता आ सकती है, जैसा कि पहले हो चुका है।
इंटरनेशनल लॉ और गाजा के नागरिकों का भविष्य
इंटरनेशनल लॉ के तहत, गाजा के नागरिकों को अपनी जमीन और घरों से दूर नहीं किया जा सकता। यह जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन हो सकता है। बावजूद इसके, गाजा के विस्थापन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहस जारी है। फिलहाल, गाजा के नागरिकों को नए विकल्प देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह सटीक रूप से भविष्य में कैसे विकसित होगा, यह स्पष्ट नहीं है।