Rajasthan: भजनलाल सरकार ने बदला 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' का नाम, कांग्रेस की योजनाओं में किए गए बदलाव

Rajasthan: भजनलाल सरकार ने बदला 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' का नाम, कांग्रेस की योजनाओं में किए गए बदलाव
Last Updated: 26 नवंबर 2024

राजस्थान में भजनलाल सरकार ने एक और योजना का नाम बदलकर राजनीतिक बदलाव की दिशा को स्पष्ट किया है। अब 'इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना' को 'मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना' के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह योजना राज्य के शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए लागू की गई थी, जिसमें सरकार ने 100 दिन का रोजगार देने का वादा किया था। गहलोत सरकार के दौरान सितंबर 2022 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य शहरी बेरोजगारों को आर्थिक मदद पहुंचाना था, और यह योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर बनाई गई थी।

कांग्रेस की योजनाओं को लेकर भजनलाल सरकार का बड़ा कदम

भजनलाल सरकार द्वारा कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम में बदलाव एक सुसंगत राजनीतिक रणनीति के तहत किया जा रहा है। यह बदलाव सत्ता में आने के बाद से लगातार देखने को मिल रहे हैं, जहां सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं के नाम में संशोधन किया है। इस योजना का नाम बदलने के बाद, यह चौथी योजना है जिसमें इंदिरा गांधी का नाम हटा दिया गया है, और इसे अब मुख्यमंत्री की योजना के तहत लागू किया गया है।

गहलोत सरकार की योजनाओं में बदलाव की लंबी लिस्ट

भजनलाल सरकार ने पिछले कुछ महीनों में गहलोत सरकार की कई योजनाओं के नाम में बदलाव किया है। 5 जनवरी 2024 को, सरकार ने इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया था, और इसमें 150 ग्राम भोजन की मात्रा में बढ़ोतरी भी की थी। इसके अलावा, चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना कर दिया गया, और इस योजना में सुविधाओं का दायरा भी घटा दिया गया था।

गांधी परिवार के नाम से छुटकारा

राजस्थान सरकार ने केवल इंदिरा गांधी के नाम वाली योजनाओं के ही नाम नहीं बदले, बल्कि राजीव गांधी के नाम से जुड़ी कई योजनाओं को भी रीब्रांड किया है। राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना को अब मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसके अतिरिक्त, विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप योजना का नाम बदलकर 'स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना' रखा गया है, जिससे गांधी परिवार के नाम को हटा दिया गया है।

महिला और बाल कल्याण योजनाओं में भी बदलाव

भजनलाल सरकार ने महिला और बाल कल्याण से जुड़ी योजनाओं में भी बदलाव किए हैं। इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना, इंदिरा महिला शक्ति जागरूकता शिक्षा कार्यक्रम और इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान योजना को मर्ज करके एक नई योजना 'कालीबाई भील संबल योजना' बनाई गई है। यह कदम राजस्थान सरकार के महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और प्रयास को दिखाता है।

राजनीतिक बदलावों का असर

राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बीच की राजनीतिक टकराव की यह एक महत्वपूर्ण मिसाल है, जहां भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार की योजनाओं को बदलकर अपनी राजनीतिक सोच और दिशा को स्थापित करने का प्रयास किया है। हालांकि, इन नाम बदलने से यह सवाल उठता है कि क्या ये बदलाव केवल सत्ता की राजनीति का हिस्सा हैं, या फिर यह जनता के हित में किए जा रहे हैं। चाहे जैसे भी, यह बदलाव यह संकेत देते हैं कि राजस्थान में आगामी चुनावों में योजनाओं का राजनीतिक परिपेक्ष्य बड़ा हो सकता है।

राज्य में सरकार की नीतियों के बदलते रंग और योजनाओं का नामकरण यह साबित करता है कि राजनीति में हर कदम सोच-समझकर उठाए जाते हैं, खासकर जब बात वोट बैंक और जनसंपर्क की होती है। अब देखना यह है कि इन बदलावों के बाद राज्य में जनता का क्या रुख रहेगा और सरकार की योजनाओं को किस तरह से लागू किया जाएगा।

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