राजस्थान सरकार ने सरकारी कॉलेजों के मुख्य द्वार और गैलरी को भगवा रंग में रंगने के निर्देश दिए हैं, जबकि अंदर के हॉल को सफेद रंग में रंगा जाएगा।
Rajasthan: राजस्थान के सरकारी कॉलेजों (महाविद्यालयों) को भगवा रंग में रंगे जाने के निर्देश प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं। भजनलाल शर्मा सरकार के इस फैसले के तहत, कॉलेजों के मुख्य द्वार और गैलरी को भगवा रंग में रंगना अनिवार्य किया गया है। कॉलेज के अन्य हिस्सों में भी भगवा रंग को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि अंदर के हॉल को सफेद रंग से रंगा जाएगा।
राज्य कॉलेज शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक, डॉ. विजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कॉलेज शिक्षा का मुख्य केंद्र होता है और भगवा रंग का प्रयोग शिक्षा के वातावरण को बेहतर बनाता है। उनका मानना है कि इस रंग से छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिसके चलते मुख्य द्वार और गैलरी को भगवा रंग में रंगने के निर्देश दिए गए हैं।
कॉलेजों को भगवा रंग में रंगने का आदेश
शुरुआत में 20 प्रमुख कॉलेजों के लिए यह आदेश जारी किया गया है। इसके बाद, राज्य सरकार सभी कॉलेजों में इस आदेश का पालन सुनिश्चित करेगी। साथ ही, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ में पढ़ने वाली लगभग आठ लाख छात्राओं को केसरिया रंग की साइकिल का वितरण किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने बताया इसका महत्व
प्रदेश के शिक्षा मंत्री, मदन दिलावर ने छात्राओं को केसरिया साइकिल वितरित करने का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि केसरिया रंग शौर्य और वीरता का प्रतीक है। यह सूर्य देवता और अग्नि का भी प्रतीक माने जाते हैं, यही कारण है कि छात्राओं को इस रंग की साइकिल दी जा रही है।
पिछली कांग्रेस सरकार ने छात्राओं को काले रंग की साइकिल दी थी, लेकिन भाजपा ने सत्ता संभालने के बाद छात्राओं के लिए केसरिया रंग की साइकिल देने का फैसला किया। इससे पहले, जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, तब भी छात्राओं को केसरिया रंग की साइकिल दी जाती थी।
कांग्रेस नेताओं ने किया तीखा पलटवार
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने भाषणों में बार-बार जुबान फिसलने के कारण कांग्रेस के आलोचना का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सीएम को किसी सभा या कार्यक्रम में जाने से पहले अपने भाषण का सही ढंग से अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति को सटीक वाक्य और तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए। वहीं, पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने यह सवाल उठाया कि सीएम का भाषण कौन लिखता है और सुझाव दिया कि अगर भाषण सही है तो सीएम को खुद शुद्ध वाक्य बोलने चाहिए।