दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर एक फ्रांसीसी पर्यटक से पांच गुना ज्यादा किराया वसूलने के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी कैब ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। पर्यटक डेविड ने बताया कि कैब ड्राइवर ने उन्हें हवाई अड्डे से उनके होटल तक ले जाने के लिए 1000 रुपये किराया मांगा था, जबकि वास्तविक किराया केवल 200 रुपये था। इस दौरान डेविड ने कैब चालक को 100 रुपये की टिप भी दी थी। जब डेविड ने किराए की शिकायत की तो कैब चालक ने रिसिप्ट को तुरंत डिलीट कर दिया।
West Delhi: एक तरफ सरकार विदेशी नागरिकों को भारत आने का आमंत्रण दे रही है, वहीं दूसरी ओर कैब चालक इन विदेशी मेहमानों का एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अपमान करने से नहीं चूक रहे हैं। वे उनसे चार से पांच गुना अधिक किराया वसूल कर ठगी कर रहे हैं। यह बात स्पष्ट है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का संदेश नकारात्मक जा रहा है।
हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। फ्रांस से आए एक युवक को पहले जबरदस्ती कैब में बैठने के लिए मजबूर किया गया और फिर उससे पांच गुना किराया लिया गया। आईटी कंपनी में मैनेजर के रूप में काम करने वाले सीआर पार्क के जयंत मंडल ने इस घटना के खिलाफ इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
डेविड के साथ हुई धोखाधड़ी
मिली जानकारी के अनुसार, दस अगस्त की रात को डेविड टिबर्गे, जयंत मंडल के दोस्त, फ्रांस से भारत आए थे। जयंत ने डेविड को भारत आने से पहले एयरपोर्ट पर पहुंचते ही एक भारतीय सिम कार्ड खरीदने और उबर से कैब बुक करने को कहा था। जयंत ने खुद डेविड के लिए अंतरराष्ट्रीय रोमिंग का रिचार्ज भी करवा दिया था।
इसलिए, डेविड ने एयरपोर्ट पर सिम कार्ड नहीं खरीदा। रात करीब डेढ़ बजे, जब डेविड आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल तीन से बाहर निकले, तो एक कथित कैब एजेंसी के कर्मचारी ने उन्हें गुमराह कर दिया और उनसे कैब बुक करने के लिए कहा।
कैब चालक ने दिया झांसा
विदेशी मेहमान डेविड को शहर घुमाने के लिए एक कैब बुक की गई थी। कैब चालक ने काफी जोर देने के बाद उन्हें कैब में बैठने के लिए मना लिया, और इस दौरान, एयरपोर्ट से ही 2500 रुपये वसूल लिए। जब टैक्सी सीआर पार्क पहुँची तो जयंत नाम के एक व्यक्ति ने डेविड से कैब के पैसे पूछे। डेविड ने बताया कि चालक ने एयरपोर्ट पर ही 2500 रुपये ले लिए थे।
यह सुनकर जयंत ने चालक के मोबाइल से उसके मालिक से कॉन्फ्रेंस कॉल की और पूरी बात बताई। यह घटना एक बार फिर से बताती है कि कुछ लोग पर्यटकों को कैसे ठगते हैं। ऐसे मामलों में, पर्यटकों को सावधान रहने की ज़रूरत है और उन्हें कैब के किराए के बारे में पहले से ही जानकारी रखनी चाहिए। यह भी महत्वपूर्ण है कि कैब चालकों को पैसे के बारे में ईमानदार रहना चाहिए और पर्यटकों का विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए।
कैब चालक ने फाड़ी रसीद
हिंदी लेख जयंत और डेविड दिल्ली में एक कैब में सवार थे जब उनके गंतव्य तक पहुंचने के बाद कैब चालक ने उनसे ₹2,500 का किराया माँगा। जयंत ने रसीद मांगी, लेकिन कैब चालक ने उन्हें कारजोरेंट टैक्सी सर्विस की रसीद दिखाई। जयंत को इस कंपनी पर शक हुआ और उन्होंने जीएसटीएन नंबर चेक किया।
जीएसटीएन नंबर न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड था, जो कि इसरो का एक हिस्सा है। जब जयंत ने कैब चालक से इस बारे में पूछा, तो उसने जल्दी से रसीद डिलीट कर दी।
डेविड ने ड्राइवर को दी थी ट्रिप
जयंत ने इसे पहले ही डाउनलोड कर लिया था। जयंत ने कैब चालक के साथ बहस की और अंत में उन्होंने डेविड के माध्यम से ₹700 वापस कर दिए। जयंत ने बताया कि डेविड ने कैब चालक को ₹100 की टिप भी दी थी। यह घटना इसरो की एक शाखा से जुड़े एक जीएसटीएन नंबर वाली एक फर्जी टैक्सी कंपनी का उदाहरण है। यह दिखाता है कि आज भी लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है।
विदेशी से 5 गुना वसूला किराया
जयंत का आरोप जयंत ने बताया कि वह अक्सर सीआर पार्क से एयरपोर्ट का सफर करते हैं। इस दौरान उन्हें कैब का किराया लगभग 370 से 450 रुपये के बीच में लगता है। लेकिन, हाल ही में उनके दोस्त डेविड, जो विदेशी नागरिक हैं, से इसी रास्ते के लिए पांच गुना किराया वसूला गया।
जयंत ने कहा, "यह बहुत ही शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इससे हमारे देश की छवि धूमिल होती है।" इस मामले में आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और राजस्थान के झूंझनू के श्यामपुरा के मोनू भाटी को गिरफ्तार किया गया है।