झारखंड की झांकी में आदिवासी कारीगरों की सोहराई और खोबर पेंटिंग ने आकर्षण किया। साथ ही महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन में महिलाओं के योगदान को भी दर्शाया गया।
Republic Day 2025: भारत 26 जनवरी को अपना 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना रहा है। देशभर में इस अवसर पर उल्लास का माहौल है। राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में कई भव्य झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिनमें से झारखंड की झांकी ने विशेष ध्यान आकर्षित किया।
इस वर्ष की झांकी का मुख्य आकर्षण था प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करना। झांकी में जमशेदपुर शहर और टाटा समूह के योगदान को प्रमुखता से दिखाया गया, जो रतन टाटा की विरासत का प्रतीक हैं। झारखंड की झांकी में "स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति की दिशा" थीम को उकेरा गया।
रतन टाटा का योगदान और सम्मान
रतन टाटा ने भारत की आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हालांकि उन्होंने टाटा समूह के दैनिक कारोबारी गतिविधियों से संन्यास ले लिया था, लेकिन उन्होंने कई स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर भारत के विकास को नया मोड़ दिया। 9 अक्टूबर 2024 को उनका निधन हो गया, और झारखंड की झांकी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जमशेदपुर, जिसे 'स्टील सिटी' कहा जाता है, का विकास रतन टाटा की अध्यक्षता में हुआ था, और इस शहर को झांकी के रूप में दर्शाया गया था।
झारखंड की कला, कारीगरी और महिला सशक्तिकरण
झारखंड की झांकी में पारंपरिक आदिवासी कला, कारीगरी और संस्कृति को भी दर्शाया गया। आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाई गई सोहराई और खोबर पेंटिंग को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया, जो झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। इसके अलावा, महिला सशक्तिकरण का संदेश भी झांकी में प्रदर्शित किया गया। झांकी में यह बताया गया कि झारखंड में रोजगार सृजन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और वे समाज की प्रगति में योगदान दे रही हैं।