भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति 25 और 26 जनवरी 2025 को भारत दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राष्ट्रपति जोको विडोडो की भारत की पहली यात्रा होगी।
नई दिल्ली: 26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है। यह दिन न केवल स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के भारत के लिए एक नया अध्याय लेकर आया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत ने अपने संविधान के माध्यम से एक संप्रभु गणराज्य बनने की दिशा में कदम बढ़ाया। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया, और यही कारण है कि हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। हालांकि, भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी, लेकिन तब तक भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था, और देश ब्रिटिश शासन के द्वारा बनाए गए कानूनों के अधीन था।
26 जनवरी 1950 को संविधान के लागू होने के बाद, भारत ने एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई। इस दिन को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह दिन देश के नागरिकों को यह अहसास दिलाता है कि भारतीय नागरिक अब अपने देश के कानूनों के निर्माता और पालनकर्ता हैं।
पहले गणतंत्र दिवस पर कौन थे मुख्य अतिथि?
1950 का गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि यह दिन हमारे संविधान के लागू होने का दिन था और भारत ने खुद को एक संप्रभु गणराज्य के रूप में स्थापित किया था। इस दिन की विशेषता यह थी कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो को भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह एक ऐतिहासिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाला पल था, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग का प्रतीक था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने राष्ट्रपति सुकर्णो का भव्य स्वागत किया, और यह भारत के विदेशी संबंधों को महत्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके बाद, यह परंपरा बन गई कि हर साल गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी मेहमान को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जो भारत की कूटनीतिक पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन इरविन स्टेडियम (अब राष्ट्रीय खेल स्टेडियम) में परेड आयोजित की गई थी, जहां भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों ने अपनी शौर्य का प्रदर्शन किया। इस दिन भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानों ने अपनी ताकत और एकता का प्रतीक होते हुए, रंग-बिरंगी धुनों के साथ परेड की।इसके अलावा, ध्वजारोहण के बाद तोपों की सलामी देने की परंपरा भी शुरू हुई, जो आज भी हर साल बड़े धूमधाम से होती हैं।
26 जनवरी 2025 ( गणतंत्र दिवस ) पर कौन होगा मुख्य अतिथि?
गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत के मुख्य अतिथि होंगे। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि प्रबोवो सुबियांतो का यह पहला भारत दौरा है। यह विशेष आयोजन भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्तों को और मजबूत करेगा, जो वर्षों से मित्रवत और सहयोगात्मक बने हुए हैं।
बता दें 1950 के बाद यह चौथा अवसर होगा, जब इंडोनेशिया का राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आएंगे। भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक रिश्ते हैं, और यह दौरा इन रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने में मदद करेगा। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्र में कई पहलें की जा चुकी हैं, और यह राष्ट्रपति का दौरा उन पहलुओं को और भी मजबूती से आगे बढ़ाएगा।
राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का 25-26 जनवरी को भारत का दौरा, गणतंत्र दिवस के महोत्सव के हिस्से के रूप में, एक नई ऊँचाई पर भारत-इंडोनेशिया संबंधों को ले जाने का प्रतीक हैं।