योगी सरकार ने संभल 1978 दंगों की नए सिरे से जांच के आदेश दिए। पुलिस से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई, और जांच के लिए एएसपी को नियुक्त किया गया है।
Sambhal Riots: उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल में 1978 के सांप्रदायिक दंगों की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं। यह आदेश योगी सरकार की ओर से दंगों के दौरान हुई हिंसा और आगजनी की गहराई से जांच करने के लिए दिए गए हैं। सरकार ने पुलिस से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) को गृह (पुलिस) विभाग के उप सचिव द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें जांच का नेतृत्व करने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, एसपी ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को पत्र लिखकर संयुक्त जांच के लिए एक प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति का अनुरोध किया है।
1978 के दंगों के दौरान हुई थी व्यापक हिंसा
संभल में 1978 में हुई दंगों के दौरान बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी और संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस घटना के कारण कई हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर अन्य स्थानों पर पलायन करना पड़ा था। बचे हुए लोग बताते हैं कि दंगों के दौरान कई हिंदू मारे गए थे, जिससे उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था और वे अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो गए थे। इन घटनाओं ने क्षेत्र में लंबे समय तक अशांति और डर का माहौल बना दिया था।
कार्तिक महादेव मंदिर के खुलने के बाद बढ़ी जांच की दिलचस्पी
हाल ही में, प्राचीन कार्तिक महादेव मंदिर के फिर से खुलने के बाद 1978 के दंगों की जांच में दिलचस्पी बढ़ी है। यह मंदिर 46 सालों तक बंद था और इसे 24 नवंबर, 2024 को शाही जामा मस्जिद में हिंसक घटना के बाद खोला गया था। मंदिर का पुनः उद्घाटन न्याय और सुलह की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इस घटना के बाद, दंगों में भागी रहे लोगों ने अपने अनुभवों को साझा किया और मंदिर के पुनः खोलने को न्याय की ओर बढ़ा हुआ कदम माना है।
पूर्व निवासियों का बयान
संभल में 1978 के दंगों के दौरान पलायन करने वाले पूर्व निवासियों ने अपने भयावह अनुभवों को साझा किया और कार्तिक महादेव मंदिर के पुनः उद्घाटन का स्वागत किया। उनका मानना है कि इस मंदिर के फिर से खोले जाने से क्षेत्र में न्याय की प्राप्ति और सुलह का माहौल बनेगा। संयुक्त जांच का उद्देश्य 1978 के दंगों की घटनाओं को उजागर करना और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना है।