Sambhal Violence: जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में संभल हिंसा मामले पर जताया संज्ञान, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन का आरोप

Sambhal Violence: जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में संभल हिंसा मामले पर जताया संज्ञान, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन का आरोप
Last Updated: 27 नवंबर 2024

जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में संभल हिंसा मामले पर आवेदन दाखिल किया है। उन्होंने 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए धार्मिक स्थलों के सर्वे के आदेश को अदालतों द्वारा दिए जाने पर सवाल उठाया है।

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया है। जमीयत का कहना है कि 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यह सुनिश्चित करता है कि धार्मिक स्थलों के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं हो सकता, और अदालतों द्वारा धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण का आदेश देना इस एक्ट के खिलाफ है। 

जमीयत ने इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग की है, ताकि कानून के अनुसार धार्मिक स्थलों के स्वरूप को बरकरार रखा जा सके। उनका कहना है कि अदालतें धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण के आदेश देकर एक्ट का उल्लंघन कर रही हैं, और यह गलत है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जमीयत के वकील ने रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इस मामले में सुनवाई की मांग की है।

संभल में सामान्य हो रहे हालात

संभल में हिंसा के बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रही है। जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के बाद इलाके में तनाव का माहौल था, लेकिन अब जनजीवन सामान्य हो रहा है। स्कूलों और दुकानों की गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं, जिससे लोगों को राहत मिली है। हालांकि, संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद हैं और जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार ये 30 नवंबर तक बंद रहेंगी। इस बीच, पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, और प्रमुख स्थानों पर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के कर्मियों को तैनात किया गया है।

हिंदू-मुस्लिम समुदायों की एकता की अपील

संभल में हिंसा के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव और एकता की अपील की है। दोनों समुदायों के नेताओं ने मिलकर यह संदेश दिया है कि इस तरह की हिंसा से किसी को भी फायदा नहीं होने वाला है और समाज में भाईचारे को बनाए रखना जरूरी है। इस दौरान, पुलिस और प्रशासन ने शहर की स्थिति पर कड़ी नजर रखी है। 

सुरक्षा बलों ने यह सुनिश्चित किया है कि हिंसा के बाद किसी भी प्रकार की नई अशांति न फैले। शहर के विभिन्न हिस्सों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और तनावग्रस्त इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भेजे गए हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर भी 30 नवंबर तक रोक लगा दी है।

मामले में जांच और कार्रवाई जारी 

संभल हिंसा के मामले में पुलिस की जांच जारी है। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और बाजारों में सामान्य गतिविधियां हो रही हैं। हालांकि, हिंसा वाले इलाकों में कुछ दुकानें बंद हैं, लेकिन अन्य स्थानों पर सब सामान्य है। पुलिस ने क्षेत्रीय सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे के खिलाफ भी हिंसा भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया है। 

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी ने भी कहा कि मंगलवार को संभल से कोई अप्रिय खबर नहीं आई और पुलिस स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है।

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