संभल हिंसा को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों गुटों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दोनों पक्षों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सांप्रदायिक तत्वों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बिना किसी मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लिए, टीम का दूसरी बार सर्वे पर जाना खुद एक साजिश का हिस्सा है।
देवबंद: देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों गुटों ने संभल हिंसा को साजिश बताते हुए पुलिस फायरिंग में मुस्लिम युवकों की मौत पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका आरोप है कि पुलिस ने सांप्रदायिक तत्वों के साथ मिलकर इस घटनाक्रम को अंजाम दिया है, और इस मामले में शासन को जिम्मेदार ठहराया है।
सोमवार को जारी एक बयान में जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बिना मुस्लिम पक्ष को विश्वास में लिए टीम का दूसरी बार सर्वे पर जाना खुद एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वे के दौरान पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ कुछ ऐसे लोग भी थे, जो भड़काऊ नारे लगा रहे थे। इन नारों को सुनकर मुस्लिम युवा घरों से बाहर आए, जिसके कारण टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई।
मौलाना मदनी ने पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों ने हालात को संभालने के बजाय मुस्लिम पक्ष पर गोलियां चलाईं, जिससे कई मुस्लिम युवक मारे गए। उन्होंने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और भड़काऊ नारे लगाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
मौलाना महमूद मदनी का बयान
जमीयत उलमा-ए-हिंद के दूसरे गुट के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने संभल हिंसा को पुलिस की भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण कार्रवाई का परिणाम करार दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही आगाह किया था कि मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिशें देश की शांति और भाईचारे के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संभल में हुई हिंसा ने उनकी चेतावनी को सही साबित कर दिया है। उन्होंने इसे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश बताते हुए आरोप लगाया कि ऐसे कदमों से शांति की स्थिति और आपसी सौहार्द को गंभीर नुकसान हो सकता है।
संभल हिंसा पर उठाए गंभीर सवाल
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने संभल हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अदालत के आदेश पर हुए सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है, तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। साथ ही, उन्होंने इस हिंसा के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भड़काऊ नारेबाजी को रोकने में पुलिस ने असफलता दिखाई, जिससे हिंसा भड़की।
रविवार को हुआ था हिंसक प्रदर्शन
संभल में रविवार को मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें चार युवकों की मौत हो गई और पुलिस के करीब 30 लोग घायल हो गए। पुलिस ने इसे सुनियोजित बवाल करार दिया है। मौलाना मदनी ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की अपील की।