संभल में 46 साल बाद 24 कोसी परिक्रमा पुनः शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार हुआ, अवैध कब्जे हटाए गए और कानून-व्यवस्था मजबूत होकर संभल फिर से आध्यात्मिक केंद्र बन गया है।
संभल: उत्तरप्रदेश में संभल ने अपनी प्राचीन पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में एक बार फिर जगमगाहट हासिल की है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन श्रीवंशगोपाल तीर्थ से हुआ। यह परंपरा 1978 में रोक दी गई थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अब 46 वर्षों के अंतराल के बाद पुनः आरंभ हो गई है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह तीर्थयात्रा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से शुरू होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होकर पुनः श्रीवंशगोपाल पर समाप्त होती है, जिसमें 87 देवतीर्थ शामिल हैं।
2017 के बाद संभल में धार्मिक सुधार
1978 के सांप्रदायिक दंगों ने संभल के सामाजिक ताने-बाने को गहरा झटका दिया था। हिंदू परिवारों ने पलायन किया, मंदिरों पर कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस स्थिति में बड़ा बदलाव आया।
सरकार ने न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर अवैध कब्जों को हटाया, दंगों में शामिल तत्वों को जेल भेजा और सांप्रदायिक राजनीति पर नियंत्रण रखा। इस प्रयास से संभल में सामाजिक विश्वास और कानून का राज मजबूत हुआ।
अवैध कब्जों से मुक्ति

योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का ऐतिहासिक अभियान चलाया। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज किए गए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। कुल 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराई गई।
धार्मिक स्थलों पर भी विशेष कार्रवाई की गई। 37 अवैध कब्जों को हटाया गया, जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। 68 तीर्थस्थलों और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया जारी है, जिसमें कल्कि अवतार मंदिर का विशेष पुनरुद्धार शामिल है।
कानून और सुरक्षा व्यवस्था में मजबूती
संभल में कानून का राज मजबूत हुआ है। 2 नए थाने और 45 चौकियों की स्थापना की गई, संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की गई। अपराध नियंत्रण के साथ ही सामाजिक विश्वास की नींव भी रखी गई।
आर्थिक दृष्टि से संभल अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ₹2405 करोड़ के निर्यात के साथ मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान बना रहे हैं। बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस कम करने के अभियानों से 84 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि की बचत हुई।












