ग्रेटर नोएडा में अगले महीने होने वाले विश्व कप फाइनल्स से पहले भारतीय मुक्केबाजी टीम को बड़ा झटका लगा है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में टोक्यो ओलंपिक की पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन हिस्सा नहीं लेंगी।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय मुक्केबाजी टीम को विश्व कप फाइनल्स से पहले बड़ा झटका लगा है। टोक्यो ओलंपिक की पदक विजेता और 2023 की विश्व चैंपियन लवलीना बोरगोहेन विश्व कप फाइनल्स में खेल नहीं पाएंगी। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने इसकी पुष्टि की है। विश्व कप फाइनल्स अगले माह ग्रेटर नोएडा में आयोजित होंगे, जहां प्रत्येक भार वर्ग में दुनिया के शीर्ष आठ मुक्केबाज ही प्रतिस्पर्धा करेंगे।
लवलीना ने इस टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया था और पदक की दावेदार मानी जा रही थीं। लेकिन नाक की बढ़ी हुई हड्डी और इसके कारण आवश्यक सर्जरी के चलते उन्होंने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से बाहर रहने का निर्णय लिया।
लवलीना की तैयारी
लवलीना बोरगोहेन विश्व कप फाइनल्स की तैयारियों के लिए एनआईएस पटियाला में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में भी शामिल नहीं हुईं। उन्होंने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को आधिकारिक तौर पर सूचित किया है कि वह नाक की सर्जरी के कारण टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाएंगी। उनके बाहर होने के बाद 75 किलो भार वर्ग में अब पूर्व विश्व चैंपियन स्वीटी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह बदलाव भारतीय टीम के लिए चुनौती और अवसर दोनों लेकर आया है।

महिला वर्ग में अन्य प्रमुख मुक्केबाज
विश्व कप फाइनल्स में महिला वर्ग में भारतीय टीम की बड़ी ताकत अभी भी बरकरार है। इसमें शामिल हैं:
- निकहत जरीन (51 किलो) – दो बार की विश्व चैंपियन
- जैस्मिन (57 किलो) – लिवरपूल विश्व चैंपियन
- मीनाक्षी हुड्डा (48 किलो) – इसी चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता
- नुपुर श्योराण (+80 किलो) – रजत पदक विजेता
- पूजा रानी (80 किलो) – कांस्य पदक विजेता
ये मुक्केबाज शीर्ष आठ में रहते हुए विश्व कप फाइनल्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। पुरुष वर्ग में केवल जदुमणि सिंह और अभिनाष जामवाल ने क्वालिफाई किया है। लेकिन मेजबान देश होने के नाते भारत को पुरुष और महिला दोनों वर्गों के सभी 10-10 भार वर्गों में मुक्केबाज उतारने की अनुमति मिली है। इससे भारत एकमात्र देश बन गया है, जो प्रत्येक भार वर्ग में मुक्केबाज उतारने वाला है।













