Sitaram Yechury: वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस

Sitaram Yechury: वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का निधन, 72 वर्ष की उम्र में ली आखिरी सांस
Last Updated: 12 सितंबर 2024

वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किया गया था, जहां वह लंबे समय से श्वसन सहायता पर थे। पार्टी ने मंगलवार को उनकी मृत्यु की जानकारी दी। हाल ही में सीताराम येचुरी ने मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी सेहत में सुधार नहीं आया। उनके निधन की खबर ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर पैदा कर दी है।

 Sitaram Yechury Passes Away: वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे और लंबे समय से ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। उनकी हालत पर डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम नजर रख रही थी। सीताराम येचुरी के निधन की खबर ने उनके समर्थकों और राजनीतिक हलकों में गहरा शोक पैदा किया है।

काफी समय से थे बीमार

सीताराम येचुरी का निधन निमोनिया जैसे सीने में संक्रमण के इलाज के दौरान हुआ। उन्हें 19 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनका इलाज जारी था। हाल ही में उन्होंने मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। पार्टी ने मंगलवार को उनकी मृत्यु की पुष्टि की।

सीताराम येचुरी ने 1975 में बतौर छात्र नेता इमरजेंसी का विरोध किया था और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। उनका निधन दोपहर 3:05 बजे हुआ। उनके निधन ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गहरा शोक छेड़ दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जताया शोक

सीताराम येचुरी के निधन पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। वे भारत के विचार के रक्षक और देश की गहरी समझ रखने वाले व्यक्ति थे। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें उनकी लंबी चर्चाओं की याद आएगी और दुख की इस घड़ी में वे उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।

CM ममता ने दी श्रंद्धाजलि

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीताराम येचुरी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ। ममता बनर्जी ने उन्हें एक अनुभवी सांसद और राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने सीताराम येचुरी के परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

Sitaram Yechury की जीवनी

सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता, सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी, आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे, और उनकी मां, कल्पकम येचुरी, एक सरकारी अधिकारी थीं।

येचुरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दसवीं कक्षा तक हैदराबाद में पूरी की। इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया। उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया और फिर सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की।

छात्र नेता के रूप में, उन्होंने इमरजेंसी का जमकर विरोध किया और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उनकी राजनीतिक यात्रा और संघर्ष ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

सीताराम का सियासी करियर

सीताराम येचुरी की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से हुई। एक साल बाद, उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई (M)) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा को नई दिशा दी।

1978 में, येचुरी को एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में चुना गया और जल्द ही वे एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने।

साल 2005 में, सीताराम येचुरी को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुना गया, जहां उन्होंने लंबा और प्रभावशाली कार्यकाल बिताया। उनकी राजनीति और नेतृत्व ने उन्हें भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के योग्य बना दिया।

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