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सर्वदलीय विदेश दौरे में TMC की एंट्री, ममता बनर्जी ने भतीजे अभिषेक बनर्जी को रखा आगे, जानें वजह

टीएमसी ने ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक बनर्जी को भेजा। युसुफ पठान ने दौरे से मना किया। ममता ने पार्टी निर्णय का समर्थन किया है।

Abhishek Banerjee: हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को वैश्विक मंच पर फिर से केंद्र में ला दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय Parliamentary Delegation (संसदीय प्रतिनिधिमंडल) को विदेश भेजने का फैसला लिया है, जिसका उद्देश्य है – भारत का पक्ष दुनिया के सामने मज़बूती से रखना और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करना।

इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी के अलावा कांग्रेस, TMC (तृणमूल कांग्रेस) और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को भी शामिल किया गया है। लेकिन इसमें जिस तरह की राजनीतिक खींचतान सामने आई है, उसने साफ कर दिया कि एक राष्ट्रीय उद्देश्य के बीच भी राजनीतिक दल अपनी-अपनी पॉलिटिकल लाइन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

TMC से अभिषेक बनर्जी होंगे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा

टीएमसी ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी कि पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को इस International Delegation का हिस्सा बनने के लिए नामित किया है। पार्टी ने कहा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी नेता ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को भारत की वैश्विक आतंकवाद विरोधी छवि को मज़बूती देने के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है।”

इससे एक संदेश साफ गया है – टीएमसी भारत के हितों को सर्वोपरि मानती है, लेकिन वह किसी भी स्थिति में अपने अधिकार और राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया से समझौता नहीं करेगी।

युसुफ पठान के नाम को लेकर TMC नाराज़

दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से TMC सांसद युसुफ पठान को भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था। लेकिन सूत्रों के अनुसार, युसुफ पठान इस दौरे पर नहीं जा रहे हैं। खबर यह है कि सरकार ने टीएमसी नेतृत्व को बिना विश्वास में लिए सीधे पठान से संपर्क किया था। यही बात टीएमसी को अखर गई।

टीएमसी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि पार्टी को इस बात से आपत्ति है कि जब किसी पार्टी से सांसद को विदेश दौरे के लिए चुना जाता है, तो पहले उस पार्टी की राय ली जानी चाहिए। युसुफ पठान ने भी पार्टी लाइन का सम्मान करते हुए खुद को अनुपलब्ध बताया।

शशि थरूर का मामला और कांग्रेस की स्थिति

दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाए गए हैं। थरूर ने खुद को शामिल किए जाने पर गर्व जताया, लेकिन कांग्रेस के भीतर उनके इस कदम को लेकर असहमति है। पार्टी की तरफ से आधिकारिक रूप से कोई सख्त रुख सामने नहीं आया है। पार्टी नेताओं ने जरूर थरूर के रुख पर नाराज़गी जताई है, लेकिन किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात अभी नहीं हुई।

यहां एक बड़ा फर्क नज़र आया – जहां शशि थरूर ने पार्टी लाइन से हटकर अपना रुख दिखाया, वहीं युसुफ पठान ने टीएमसी के फैसले को सर्वोपरि माना।

TMC की विदेश नीति पर स्पष्ट स्थिति

टीएमसी का मानना है कि विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार का विषय है और इसकी जिम्मेदारी भी केंद्र को ही लेनी चाहिए। टीएमसी ने सीधे तौर पर यह कहा कि कौन सांसद किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह फैसला सिर्फ पार्टी कर सकती है, न कि केंद्र सरकार।

अभिषेक बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें डेलिगेशन भेजे जाने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यह तय करना कि टीएमसी से कौन जाएगा – यह अधिकार सिर्फ पार्टी का है, न कि सरकार का। बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी, AAP या कोई भी पार्टी – अपने प्रतिनिधियों का चुनाव खुद करेगी।”

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