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सुप्रीम कोर्ट का एक्शन: छात्र आत्महत्या मामलों के लिए टास्क फोर्स गठित, गहराई से होगी जांच

सुप्रीम कोर्ट का एक्शन: छात्र आत्महत्या मामलों के लिए टास्क फोर्स गठित, गहराई से होगी जांच
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं की समस्या पर गंभीरता से विचार करते हुए एक टास्क फोर्स का गठन किया 
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नई दिल्ली: देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एस. रवींद्र भट की अध्यक्षता में एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, एम्स सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रों पर जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के मामलों की जांच करना और समाधान सुझाना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए गहन जांच के आदेश

यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में IIT दिल्ली के दो छात्रों की संदिग्ध मौतों की जांच को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए लिया। अदालत ने दिल्ली पुलिस को इन मामलों की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि दोनों छात्र अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से थे और उन्हें संस्थान में भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली या फिर उनकी हत्या कर दी गई।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2024 में इस मामले में एफआईआर दर्ज करने और केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद मृत छात्रों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उनकी अपील पर गंभीरता से विचार करते हुए टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया गया।

टास्क फोर्स का कार्यक्षेत्र क्या होगा?

* जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की जांच: टास्क फोर्स प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के मामलों की समीक्षा करेगी।
* छात्र कल्याण के लिए सिफारिशें: छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए जरूरी कदमों और नीतियों पर सुझाव देगी।
* संस्थानों की जवाबदेही तय करना: शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।
* आत्महत्या के मामलों की पुनः जांच: IIT, NIT, IIM और अन्य विश्वविद्यालयों में हाल के वर्षों में हुई छात्रों की आत्महत्याओं की भी समीक्षा की जाएगी।
* सुरक्षा उपायों की सिफारिशें: भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीतियों का मसौदा तैयार किया जाएगा।

IIT दिल्ली में हुई थी दो छात्रों की संदिग्ध मौत

2023 में IIT दिल्ली के दो बी.टेक छात्रों की मौत की खबर सामने आई थी। परिजनों का आरोप है कि दोनों छात्र SC समुदाय से थे और उन्हें जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा, जिससे उन्होंने यह कदम उठाया। परिजनों ने संदेह जताया कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या भी हो सकती है। उनका यह भी आरोप था कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन और पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

सुप्रीम कोर्ट के इस कदम के बाद देशभर के शिक्षण संस्थानों में जातिगत भेदभाव और छात्रों की मानसिक स्थिति पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है। टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में शिक्षण संस्थानों के लिए कड़े नियम बनाए जा सकते हैं, ताकि किसी भी छात्र को मानसिक उत्पीड़न के कारण आत्महत्या जैसा कदम न उठाना पड़े।

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