सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों की 100% मैन्युअल गिनती की याचिका खारिज की। कोर्ट ने कहा, एक ही मुद्दे पर बार-बार सुनवाई संभव नहीं।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें VVPAT पर्चियों की 100 प्रतिशत मैन्युअल काउंटिंग की मांग की गई थी। याचिका में चुनाव आयोग को निर्देश देने की अपील की गई थी कि EVM के साथ-साथ सभी VVPAT स्लिप्स की भी पूर्ण गिनती की जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
CJI संजीव खन्ना की बेंच का सख्त रुख
मुख्य न्यायाधीश CJI संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही विचार कर चुका है और एक जैसे मुद्दों पर बार-बार सुनवाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, इसलिए Special Leave Petition (SLP) को खारिज किया जाता है।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता हंसराज जैन ने अदालत से अनुरोध किया था कि चुनाव आयोग को भविष्य में ऐसे VVPAT सिस्टम अपनाने का निर्देश दे, जिसमें वोटर द्वारा सत्यापित की गई पर्ची सीधे अधिकारी को दी जाए। उन्होंने दलील दी कि केवल Control Unit द्वारा की गई इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग पर निर्भर रहना लोकतंत्र के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख पहले भी रहा साफ
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट EVM और VVPAT को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं को खारिज कर चुका है। कोर्ट का मानना है कि Electronic Voting Machines पूरी तरह से सुरक्षित, आसान, भरोसेमंद और user-friendly हैं। Delhi High Court ने भी अगस्त 2023 में इस मामले पर पहले ही स्पष्ट फैसला दे दिया था।