उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने अदालत में यह तर्क दिया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संबंधित मामले पर विचार किया है और सरकार को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया हैं।
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय बुधवार को बहराइच हिंसा के तीन आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करेगा। इन आरोपियों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तुरंत सुनवाई की मांग की। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल तीन दिन का समय दिया है, जो पर्याप्त नहीं हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने दिया तर्क
वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने उच्चतम न्यायालय में आरोपियों की याचिका पर यह तर्क दिया कि याचिकाकर्ता संख्या-एक के पिता और भाइयों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने बताया कि ध्वस्तीकरण नोटिस कथित तौर पर 17 अक्टूबर को जारी किया गया था और 18 अक्टूबर की शाम को घर पर चिपकाया गया। सिंह ने अदालत से मामले की तात्कालिकता का जिक्र करते हुए रविवार को सुनवाई का अनुरोध किया था, लेकिन वह सुनवाई संभव नहीं हो सकी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने अदालत को सूचित किया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले पर विचार किया है और नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है, जिससे आरोपियों को उचित समय मिल सके।
क्या हैं मामला?
याचिकाकर्ताओं के वकील ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके मुवक्किलों को कोई संरक्षण नहीं दिया है, जिसके बाद न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) से कहा कि बुधवार तक कोई कार्रवाई न की जाए। यह मौखिक निर्देश दिया गया और मामले को उसी दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
यह मामला महाराजगंज जिले में एक पूजा स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हुए अंतर-धार्मिक विवाद से जुड़ा है। इस विवाद के दौरान गोलीबारी में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी, जिसके बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। हिंसा के चलते आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने चार दिनों तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं।