Tahawwur Rana News: तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया, जानिए कौन है यह संदिग्ध आतंकवादी?

Tahawwur Rana News: तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया, जानिए कौन है यह संदिग्ध आतंकवादी?
अंतिम अपडेट: 25-01-2025

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2008 मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर राणा का भारत को प्रत्यर्पण मंजूरी दी। वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली के साथ जुड़ा हुआ था।

Tahawwur Rana News: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी। यह निर्णय भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, क्योंकि भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय राणा के लिए अंतिम कानूनी विकल्प था, जिसके बाद अब उसे भारत भेजने का रास्ता साफ हो गया है।

तहव्वुर राणा पर आरोप

तहव्वुर राणा पर आरोप है कि वह मुंबई हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला व्यक्ति था। यह हमले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों ने किए थे, जिसमें 166 लोग मारे गए थे, जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे। राणा पाकिस्तानी मूल का व्यक्ति है और उसके पास वर्तमान में कनाडाई नागरिकता है। राणा के वकील ने इसके खिलाफ कई कानूनी याचिकाएं दीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार उनकी याचिका खारिज कर दी।

डेविड कोलमेन हेडली से क्या था संबंध

राणा का संबंध डेविड कोलमेन हेडली से था, जो पाकिस्तान-अमेरिकी नागरिक था और लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था। हेडली ने मुंबई हमलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी प्रदान की थी और यह जानकारी राणा को दी थी। राणा ने अपनी भूमिका का बचाव करते हुए विभिन्न अदालतों में याचिकाएं दीं, लेकिन सभी में हार का सामना करना पड़ा।

26/11 मुंबई हमले की भयंकर त्रासदी

26/11 को हुए मुंबई आतंकवादी हमले ने भारत के इतिहास में काला अध्याय लिखा। पाकिस्तान से आए दस आतंकवादियों ने मुम्बई के प्रमुख स्थलों पर हमला किया, जिनमें ताज महल पैलेस होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, और नरिमन हाउस शामिल थे। इस हमले ने भारतीय नागरिकों और विदेशी नागरिकों की जान ले ली और मुम्बई को हिलाकर रख दिया।

भारत में राणा का प्रत्यर्पण

राणा का प्रत्यर्पण होने के बाद उसे भारत में कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा, जहां वह इस आतंकवादी साजिश में अपनी भूमिका को लेकर आरोपों का सामना करेगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और मजबूत होगा।

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