Tamil Nadu Politics: भीषण ठंड में अर्धनग्न हुए भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई, अन्ना विश्वविद्यालय में हुए यौन उत्पीड़न मामले पर जताया विरोध

Tamil Nadu Politics: भीषण ठंड में अर्धनग्न हुए भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई, अन्ना विश्वविद्यालय में हुए यौन उत्पीड़न मामले पर जताया विरोध
Last Updated: 17 घंटा पहले

भा.ज.पा. तमिलनाडु के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने अन्ना विश्वविद्यालय में हुए यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस और सरकार की उदासीनता पर विरोध जताते हुए खुद को कोड़े मारे। यह घटना एक राजनीतिक विरोध के रूप में सामने आई, जहां अन्नामलाई ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

तिरुवनंतपुरम: तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न मामले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और अन्नाद्रमुक ने 26 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन किया। भा.ज.पा. ने आरोप लगाया कि आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) का एक पदाधिकारी है, जबकि द्रमुक ने इन आरोपों को खारिज किया हैं।

भा.ज.पा. तमिलनाडु के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोपी के द्रमुक नेताओं के साथ तस्वीरें दिखाते हुए आरोप लगाया कि आरोपी सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा का पदाधिकारी है और इसी कारण वह अपराध कर सका। अन्नामलाई ने यह भी कहा कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि आरोपी का सत्तारूढ़ पार्टी से संबंध हैं।

प्रदर्शन को और प्रभावी बनाने के लिए अन्नामलाई ने घोषणा की कि वह 28 दिसंबर को अपने आवास के बाहर छह बार कोड़े मारेंगे, ताकि राज्य सरकार और पुलिस की उदासीनता के खिलाफ विरोध किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक द्रमुक सरकार सत्ता में है, वह चप्पल नहीं पहनेंगे और नंगे पैर ही रहेंगे।

तमिलनाडु में राजनीतिक हलचल 

तमिलनाडु में अन्ना विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न मामले ने न केवल कानून-व्यवस्था के दृष्टिकोण से बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी गहरा विवाद उत्पन्न कर दिया है। इस मामले में अन्नाद्रमुक के सीनियर नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।भा.ज.पा. के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य में यौन अपराध बढ़ रहे हैं और राज्य सरकार एवं पुलिस निष्क्रिय बनी हुई हैं। 

सुंदरराजन ने यह भी कहा कि लोगों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, और सरकार को इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने चाहिए। यह मुद्दा अब केवल एक कानूनी मसला नहीं रह गया है, बल्कि राज्य की राजनीति में भी यह काफी संवेदनशील बन गया है। भा.ज.पा. ने इसे द्रमुक सरकार के खिलाफ बड़े विरोध के रूप में पेश किया है। वहीं, द्रमुक ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि विपक्ष इसे केवल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए उछाल रहा हैं।

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