तमिलनाडु में राष्ट्रगान विवाद बढ़ता जा रहा है। सीएम स्टालिन और राज्यपाल आर एन रवि के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। राज्यपाल ने हाल ही में विधानसभा में अभिभाषण न देने को लेकर स्टालिन पर तंज कसा।
Tamil Nadu National Anthem controversy: तमिलनाडु की राजनीति में राष्ट्रगान को लेकर विवाद और गहरा गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और राज्यपाल आर एन रवि के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है, जिससे राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है।
राज्यपाल की प्रतिक्रिया
हाल ही में राज्यपाल आर एन रवि ने तमिलनाडु विधानसभा में अपना अभिभाषण नहीं दिया, जिसे सीएम स्टालिन ने 'बचकाना' बताया था। इसके बाद राज्यपाल ने तंज कसा, जिसमें उन्होंने स्टालिन की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का अहंकार ठीक नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रगान और संविधान का सम्मान न करना 'बेतुका' और 'बचकाना' है।
राज्यपाल ने जताई गहरी पीड़ा
राज्यपाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि लोग देश और संविधान का अपमान नहीं सहन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम स्टालिन भारत को एक राष्ट्र नहीं मानते और इसके संविधान का सम्मान नहीं करते।
विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 6 जनवरी को राज्यपाल रवि ने विधानसभा में अभिभाषण दिए बिना सदन से बाहर जाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि उन्हें विधानसभा में राष्ट्रगान न बजाए जाने के कारण 'गहरी पीड़ा' हुई, इसलिए उन्होंने सदन छोड़ दिया। वहीं, मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसे बचकाना और बेतुका बताते हुए राज्यपाल पर निशाना साधा।
क्या कहते हैं मुख्यमंत्री?
मुख्यमंत्री स्टालिन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल रवि को यह "पचा" नहीं पा रहा है कि तमिलनाडु में विकास तेजी से हो रहा है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल ने 2022 में बिना किसी बदलाव के अभिभाषण दिया, लेकिन बाद में 'बेतुके' कारणों का हवाला देकर अपना पारंपरिक संबोधन देने से परहेज किया।
इस विवाद ने तमिलनाडु की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, जहां सीएम और राज्यपाल के बीच राजनीतिक मतभेद सार्वजनिक हो गए हैं।