भाजपा नेता ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रहे नोट के बदले वोट के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार का एक महत्वपूर्ण मामला है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद की अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है, जिसमें मुख्यमंत्री को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया हैं।
आंध्रा प्रदेश: तेलंगाना के मुख्यमंत्री पर भाजपा ने कड़ा हमला करते हुए उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया है। तेलंगाना भाजपा के नेता एन रामचंद्र राव ने कहा कि कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी कई करोड़ के घोटाले में फंस गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया है। भाजपा नेता ने इन आरोपों के आधार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और इसे राज्य की राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया हैं।
भाजपा ने तेलंगाना सीएम पर लगाए गंभीर आरोप
भाजपा नेता ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हैदराबाद की अदालत में नोट के बदले वोट के मामले चल रहे हैं। उन्होंने इस मामले को भ्रष्टाचार का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए कहा कि इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री को मुख्य आरोपी बनाया है। भाजपा नेता ने कांग्रेस को भ्रष्ट पार्टी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस अब केवल पैसे कमाने के बारे में सोचती है और उसने जनहित और राष्ट्रहित को भूल चुकी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार और झूठ कांग्रेस के डीएनए में हैं और यह स्थिति तेलंगाना में कांग्रेस के सीएम के बेनकाब होने का संकेत है। भाजपा नेता ने ईडी द्वारा किए गए खुलासों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के कई करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्तता का पता चला है। उन्होंने इस मामले में गहन जांच की मांग की और कहा कि इस घोटाले में शामिल अन्य नेताओं के नाम भी सामने आने चाहिए।
ईडी ने शुरू की मामले की जांच
ईडी ने तेलंगाना में 175 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की है। यह मामला तब शुरू हुआ जब तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो ने पहले एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद शोएब तौकीर और मोहम्मद बिन अहमद बावाजिर के रूप में हुई हैं।
यह कथित घोटाला दुबई में बैठकर अंजाम दिया गया था, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। ईडी की जांच में शामिल लोग और वित्तीय लेनदेन के विवरणों की विस्तृत जांच की जा रही है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी हैं।