न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। अगर वह नियुक्त होते हैं, तो वे 11 नवंबर 2024 को पदभार ग्रहण करेंगे, और उनका कार्यकाल लगभग 6 महीने का होगा, जो 13 मई 2025 तक चलेगा।
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के रूप में की है। उन्होंने सरकार को एक पत्र भेजकर इस सिफारिश की जानकारी दी। न्यायमूर्ति खन्ना, जो वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हैं, 11 नवंबर 2024 को सीजेआई का पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
चंद्रचूड़ को सरकार द्वारा मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार अपनी सिफारिश भेजने के लिए कहा गया था। सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, और यदि न्यायमूर्ति खन्ना इस पद पर नियुक्त होते हैं, तो उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा, जो अगले वर्ष 13 मई 2025 तक जारी रहेगा। इसके पहले, वह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी रह चुके हैं।
कौन हैं संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 1977 में मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। उनके पिता, न्यायमूर्ति देव राज खन्ना, 1985 में दिल्ली उच्च न्यायालय से न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि उनकी मां, सरोज खन्ना, दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में हिंदी की प्रॉफेसर थीं। जस्टिस खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के तीस हजारी परिसर में वकील के रूप में की थी।
जस्टिस संजीव खन्ना को 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था। इसके बाद, उन्होंने 24 जून 2005 को दिल्ली उच्च न्यायालय के एडिशनल जज के रूप में शपथ ली। उन्हें 2006 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। जस्टिस खन्ना ने 18 जनवरी 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। उनका परिवार न्यायपालिका से जुड़ा रहा है; उनके पिता न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के अलावा, उनके चाचा हंसराज खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि उनके करियर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना 358 पीठों का रह चुके हिस्सा
सुप्रीम कोर्ट में अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना 358 पीठों का हिस्सा रह चुके हैं और उन्होंने 90 से अधिक मामलों में निर्णय सुनाए हैं। पिछले साल वह एक तीन जजों वाली पीठ का हिस्सा थे, जिसने अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए प्रमोशन में आरक्षण पर सुनवाई की।
वहीं, 2023 में उन्होंने शिल्पा शैलेश मामले में संविधान पीठ का फैसला सुनाया, जो कि भारतीय संविधान की व्याख्या से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों में से एक था। उनकी पीठ ने कई संवैधानिक प्रश्नों पर विचार किया, जो न्यायपालिका की भूमिका और अधिकार क्षेत्र को लेकर महत्वपूर्ण हैं।