Tirupati Laddu Controversy: कर्नाटक सरकार ने लड्डू विवाद पर दिया आदेश, नंदिनी ब्रांड के घी का ही होगा मंदिरों में इस्तेमाल

Tirupati Laddu Controversy: कर्नाटक सरकार ने लड्डू विवाद पर दिया आदेश, नंदिनी ब्रांड के घी का ही होगा मंदिरों में इस्तेमाल
Last Updated: 21 सितंबर 2024

तिरुपति लड्डू, जो आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद के लिए प्रसिद्ध है, अब इस बात से विवादों में है कि इसमें जानवरों की चर्बी पाई गई है। यह Hindu धर्म के अनुयायियों की आस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। इस विवाद के चलते कर्नाटक सरकार अब सक्रिय हो गई है और आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर रही है।

Bengaluru: तिरुपति मंदिर में प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने की बात सामने आने से देश भर में हंगामा मचा हुआ है। इस विवाद के बाद अब कर्नाटक की सिद्दरमैया सरकार एक्शन में गई है। कर्नाटक सरकार ने राज्य के मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी 34,000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है।

मंदिरों में होगा नंदिनी घी का इस्तेमाल 

कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी 34,000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों के लिए लागू होगा। इस नए निर्देश के अनुसार, सभी मंदिरों को दीपक जलाना, प्रसाद तैयार करना और 'दसोहा भवन' (जहां भक्तों को भोजन परोसा जाता है) में केवल नंदिनी घी का ही उपयोग करना होगा।

यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा कर्नाटक के मंदिरों में गुणवत्तापूर्ण घी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। यह निर्णय कुछ लोगों द्वारा सराहा जा रहा है, जबकि कुछ लोग इसे सरकार का हस्तक्षेप मानते हैं।

मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं

कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। धार्मिक बंदोबस्ती विभाग ने सभी अधिसूचित मंदिरों के कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रसाद की गुणवत्ता से कभी समझौता करें। इस आदेश के तहत, सभी मंदिरों में सेवाओं, दीपकों और सभी प्रकार के प्रसाद की तैयारी के लिए केवल नंदिनी घी का उपयोग करना होगा।

दसोहा भवन में भी, केवल नंदिनी घी का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह कदम राज्य सरकार द्वारा प्रसाद की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने और भक्तों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए उठाया गया है। यह आदेश मंदिरों के कर्मचारियों को सतर्क रहने और प्रसाद की गुणवत्ता पर ध्यान देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या हैं मामला ?

तिरुपति के प्रसिद्ध वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू बनाने में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह निर्देश तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित है। विवाद तब शुरू हुआ जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और दावा किया कि नमूनों में चर्बी और अन्य पशु वसा की मौजूदगी पाई गई है।

यह आरोप लगाने के बाद से, पूरे राज्य में भक्तों और धार्मिक नेताओं में रोष व्याप्त है। टीटीडी ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सामग्री उच्च गुणवत्ता वाले हैं। उन्होंने जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया है। हालांकि, विवाद अभी भी जारी है और कई लोग सच्चाई जानने के लिए उत्सुक हैं।

रोजाना तैयार होते हैं लगभग 3 लाख लड्डू

आपको बता दें कि तिरुपति मंदिर की रसोई में प्रतिदिन लगभग 3 लाख लड्डू का निर्माण किया जाता है। इन लड्डुओं को बनाने के लिए विशाल मात्रा में सामग्री की आवश्यकता होती है, जिसमें 1,400 किलो घी के साथ-साथ काजू, किशमिश, इलायची, बेसन और चीनी जैसी अन्य आवश्यक सामग्रियाँ शामिल हैं।

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