आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करना ताजा मिलावट विवाद के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विवाद ने भक्तों के बीच चिंता को जन्म दिया है, और जगन का यह दौरा इस मामले में धार्मिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह मंदिर जाकर न केवल भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
तिरुपति: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में मिलावट के विवाद के बीच पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने 28 सितंबर को तिरुपति बालाजी मंदिर जाने और पूजा-अर्चना के साथ-साथ क्षमा अनुष्ठान करने की घोषणा की है। इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति लड्डू पर लगाए गए आरोपों का प्रायश्चित करना है। जगन रेड्डी ने इसके तहत राज्यव्यापी मंदिर अनुष्ठान का ऐलान भी किया है, जिससे भक्तों को यह संदेश देने का प्रयास किया जाएगा कि मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता और उसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
जगन रेड्डी 28 सितंबर को करेंगे भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन
YSR कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, जगन मोहन रेड्डी 27 सितंबर को तिरुमाला पहुंचने और वहां रात्रि विश्राम करने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद, वह 28 सितंबर को तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करेंगे। जगन रेड्डी ने लोगों से अपील की है कि वे 28 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मंदिरों में पूजा-अर्चना में भाग लें। उनका यह आह्वान पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुपति लड्डुओं पर लगाए गए आरोपों का प्रायश्चित करने के उद्देश्य से है। इस तरह, जगन रेड्डी धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से न केवल अपने समर्थन को मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि मंदिरों के प्रति श्रद्धा और भक्तिभाव को भी बढ़ावा देना चाहते हैं।
लड्डू विवाद पर भाजपा-टीडीपी ने की बड़ी मांग
जगन मोहन रेड्डी के तिरुपति बालाजी मंदिर जाने को लेकर भाजपा और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेताओं ने अपने-अपने बयान दिए हैं। आंध्र प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी ने कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि जगन मोहन रेड्डी 28 सितंबर को तिरुमला जा रहे हैं। उन्होंने तिरुमला में दशकों से चली आ रही आस्था प्रकट करने की प्रथा का जिक्र करते हुए मांग की है कि जगन रेड्डी तिरुमला पर चढ़ाई शुरू करने से पहले अलीपीरी में गरुड़ प्रतिमा के समक्ष अपनी आस्था की घोषणा करें।
टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम कुमार जैन ने सवाल उठाया है कि क्या जगन रेड्डी एसआईसी फॉर्म भरकर तिरुमाला मंदिर में अपनी भक्ति व्यक्त करेंगे। इन बयानों से स्पष्ट है कि जगन रेड्डी के इस धार्मिक दौरे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है, और विपक्ष उनकी आस्था को चुनौती दे रहा हैं।
क्या है मंदिर प्रसाद विवाद?
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक में गंभीर आरोप लगाए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की YSRCP सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा। उन्होंने दावा किया कि इस सरकार ने लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। इन आरोपों के चलते पूरे देश में एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया है, जिससे भक्तों के बीच चिंता और आक्रोश बढ़ गया है। नायडू के इस बयान ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद की गुणवत्ता और धार्मिक मान्यता पर सवाल उठाते हुए राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इसके बाद जगन मोहन रेड्डी के तिरुपति दौरे और उनकी पूजा-अर्चना का निर्णय भी इसी विवाद के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो गया है।