Tirupati Laddu Vivad: तिरुपति लड्डू विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ? लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का था मामला, जानें किसने क्या कहा?

Tirupati Laddu Vivad: तिरुपति लड्डू विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ? लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का था मामला, जानें किसने क्या कहा?
Last Updated: 1 घंटा पहले

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने का मामला गंभीर रूप से तूल पकड़ रहा है। इस मुद्दे पर सिर्फ आस्था से जुड़े लोग चिंतित हैं, बल्कि यह मामला अदालत तक पहुंच गया है। मंदिर के प्रसिद्ध "लड्डू प्रसाद" में मिलावटी घी का इस्तेमाल होने की शिकायतें मिलने के बाद जांच शुरू की गई, जिससे यह विवाद और गहरा गया।

नई दिल्ली: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी पाए जाने के मामले ने अब राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है, और इस पर मोदी सरकार ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है। नड्डा ने राज्य सरकार से इस मामले में जांच की रिपोर्ट मांगी है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस बीच, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की टेस्ट रिपोर्ट की जांच करने का निर्देश दिया है, जो अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा सत्यापित की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

दूसरी तरफ, इस मामले में राजनीतिक टकराव भी शुरू हो गया है। YSR कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों का विरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है और अदालत से इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है। अब हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई बुधवार को करेगा, जिससे यह विवाद और भी बढ़ सकता हैं।

लड्डुओं में थी जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट और घोर अपवित्रता के आरोप ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में गहरा विवाद खड़ा कर दिया है। मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल जैसी सामग्री की पुष्टि होने की ख़बर ने लाखों भक्तों को झकझोर दिया है। यह मामला केवल हिंदू धार्मिक आस्थाओं को झटका देने वाला है, बल्कि मंदिर की पवित्रता पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता हैं।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने भी इस घटना की गंभीरता को स्वीकार किया है और मंदिर की पवित्रता भंग होने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रसाद में मिलावटी घी की एक बड़ी वजह इसका सस्ता रेट हो सकता है, जिससे गुणवत्ता पर समझौता किया गया हैं।

 इस घटना के बाद भक्तों में भारी रोष है, और पूरे देश में इस पर प्रतिक्रियाएं रही हैं। यह मुद्दा केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक बहस का भी केंद्र बन गया है। सरकार ने इस मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन इससे तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा हैं।

'भगवान को चढ़ने वाला शुद्ध घी मात्र 320 रुपये में' - शमला राव

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने स्थिति को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया कि घी की खरीद के लिए तय किए गए टेंडर के दाम व्यवहारिक नहीं थे, क्योंकि शुद्ध घी 320 रुपये प्रति किलो में मिलना असंभव है। सही कीमत कम से कम 500 रुपये प्रति किलो होनी चाहिए थी।

उन्होंने यह भी कहा कि घी के सभी सप्लायर्स की गुणवत्ता सही पाई गई, सिवाय एक कंपनी के AR फूड तमिलनाडु। इस कंपनी के सैंपल्स की जांच NDDB लैब में करवाई गई, जिसमें मिलावट की पुष्टि हुई। शुद्ध घी में मिल्क फैट की मात्रा 95.68 से 104.32 तक होनी चाहिए थी, लेकिन AR फूड के सैंपल्स में यह केवल 20 पाई गई, जो मिलावट का संकेत है। TTD ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए सप्लायर्स को चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में मिलावटी घी सप्लाई किया गया, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।

तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी कहा?

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए इस घटना को "परेशान करने वाला" बताया और कहा कि यह लाखों भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाता है। राहुल गांधी ने कहा कि भगवान बालाजी करोड़ों भक्तों के पूजनीय देवता हैं, और प्रसाद की पवित्रता से खिलवाड़ एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने इस पर गहन विचार की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी संबंधित अधिकारियों से धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करने की अपील की। राहुल गांधी की इस प्रतिक्रिया के बाद यह मामला और भी सुर्खियों में गया है, और लोगों की उम्मीदें अब इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की तरफ बढ़ रही हैं।

तिरुपति लड्डू विवाद पर संतों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट और अपवित्र सामग्री जैसे जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने के आरोपों से देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस घटना से हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं की आस्था को गहरी चोट पहुंची है। इस मुद्दे पर देशभर के संत, धार्मिक नेता, और भक्तों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।राम मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने इसे आस्था पर आघात बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं लोगों के विश्वास को कमजोर करती हैं। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई ऐसी गलती दोहराए। संत समाज का मानना है कि ऐसी सख्त सजा से धार्मिक स्थलों की पवित्रता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती हैं।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना के खिलाफ व्यापक नाराजगी देखने को मिल रही है। लोग दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भक्तों की आस्था और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनी रहे। इस घटना ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब सभी की नजरें इस पर हैं कि इस मामले में क्या कदम उठाए जाएंगे

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