वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के लिए तिरुपति में कतारबद्ध हजारों श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मचने से अफरा-तफरी फैल गई। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई, जिसमें मल्लिका नाम की एक महिला भी शामिल है।
Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट केंद्रों के पास भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए सुबह से हजारों श्रद्धालु कतार में खड़े थे। घटना उस समय हुई जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति दी गई। भगदड़ से मची अफरा-तफरी के बीच पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया।
दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
वैकुंठ द्वार दर्शन 10 से 19 जनवरी के बीच आयोजित किए गए हैं। दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे हैं। टोकन वितरण केंद्रों पर करीब 4,000 लोग लाइन में लगे थे, जिससे अव्यवस्था बढ़ गई। स्थिति को संभालने के लिए तिरुपति पुलिस और प्रशासन ने अतिरिक्त इंतजाम किए।
मुख्यमंत्री का बयान
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस हादसे से वे बेहद व्यथित हैं और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मंदिर समिति के चेयरमैन से बात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। गुरुवार को मुख्यमंत्री घायलों से मिलने अस्पताल जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री का शोक संदेश
वाईएसआरसीपी अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने इस दुखद घटना पर शोक जताया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही उन्होंने सरकार से घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा देने की अपील की।
प्रशासन ने संभाली स्थिति
तिरुपति के जिला कलेक्टर डॉ. एस. वेंकटेश्वर और जॉइंट कलेक्टर शुभम बंसल ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज देने के लिए कदम उठाए। एसपी सुब्बारायडू ने टोकन वितरण केंद्रों की निगरानी की और व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए।
विशेष दर्शन के लिए प्रोटोकॉल
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि 10 से 19 जनवरी के बीच वैकुंठ एकादशी और वैकुंठ द्वार दर्शन आयोजित किए गए हैं। इस दौरान 7 लाख से अधिक भक्तों के लिए विस्तृत व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी तीर्थयात्रियों के लिए दर्शन अनुभव को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए विशेष प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। 10 जनवरी को सुबह 4:30 बजे प्रोटोकॉल दर्शन शुरू हुआ और सुबह 8 बजे सर्वदर्शन की शुरुआत की गई।
घटना के बाद के कदम
घटनास्थल पर स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया। सुरक्षा उपायों को सख्त करते हुए श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित तरीके से संभालने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। टीटीडी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्देशों का पालन करें और संयम बनाए रखें।