Train Accident: गोंडा ट्रैन हादसा! रेलवे इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलसा

Train Accident: गोंडा ट्रैन हादसा! रेलवे इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलसा
Last Updated: 21 जुलाई 2024

18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गये। मोतीगंज और झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। इस हादसे की जांच में अभी नया खुलासा हुआ है।

Gonda Train Accident: यूपी के गोंडा जिले के मोतीगंज-झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की वजह सामने आई है। इस दर्दनाक हादसा की वजह का आज खुलासा कर दिया गया है। जैसा कि जांच रिपोर्ट में बताया गया है, डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के बेपटरी होने की मुख्य वजह रेलवे के इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही थी।

जांच रिपोर्ट में वजह सामने आई

18 जुलाई को दोपहर 2:28 बजे हुए डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में गंभीर जानलेवा स्थित बन गई थी। ट्रेन की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा थी, लेकिन 70 किमी प्रति घंटे की बकलिंग के कारण ट्रेन पटरी से उतर गई। रिपोर्ट में बताया कि इस हादसे में ट्रेन के 16 कोच पटरी से उतर गए और तीन AC कोच पलट गए। इस दुर्घटना में 4 लोगों की मौत हो गई और कई दर्जन लोग घायल हो गए।

पता चलने के बाद बरती लापरवाही

मिली जानकारी के अनुसार, स्पष्ट होता है कि हादसे को रोकने की पूरी संभावना थी। जैसा कि बताया गया है, मोतीगंज और झिलाही के बीच ट्रैक में हुई गड़बड़ी की जानकारी हादसे से लगभग एक घंटा पहले ही मिल चुकी थी। अगर उसके अनुसार रेलवे ने ट्रेन की गति कम की होती (30 किमी प्रति घंटे), तो हादसा टल सकता था। इससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा सम्बंधी नियमों के पालन में कमी रही और इसने हादसे को बढ़ावा दिया।

रेलवे प्रशासन पर उठाये सवाल

बता दें कि इस हादसे के बाद, रेलवे की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। बकलिंग की वजह से हुई गड़बड़ी के बाद, यह स्पष्ट होता है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और भी मजबूत सुरक्षा नियमों की आवश्यकता है। रेलवे संगठन को अपनी पटरी की निगरानी और बकलिंग को दूर करने के लिए तात्कालिक कार्रवाई करनी चाहिए।

रेलवे अधिकारीयों और स्टाफ का बयान दर्ज

इस मामले में गोंडा, डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी से 41 रेलवे अफसरों और स्टाफ को लखनऊ DRM कार्यालय बुलाया गया है। जिसमें नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे के 6 अफसरों की टीम ने चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट, मैनेजर, झिलाही और मोतीगंज के स्टेशन मास्टरों समेत कई कर्मचारियों के बयान और घटनास्थल का टेक्निकल मुआयना करने के बाद अपनी रिपोर्ट में झिलाही सेक्शन के इंजीनियरिंग सेक्शनकी लापरवाही को इस ट्रेन हादसे का जिम्मेदार बताया है। इस हादसे की जांच और उसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तरफ कदम बढ़ाया जा रहा है।

 

 

 

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