रेलवे ने कटड़ा से श्रीनगर तक वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा शुरू की है। ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी। किराया ₹660 से ₹1320 तक है। इसमें आधुनिक तकनीक और सुविधाएं शामिल हैं।
Train to Kashmir: 7 जून से कटड़ा से श्रीनगर तक वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हो रही है। यह ट्रेन कश्मीर घाटी को देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। जानिए इस नई ट्रेन के स्टॉपेज, टाइमिंग, किराया और विशेष तकनीकी सुविधाएं।
कश्मीर वंदे भारत एक्सप्रेस: अब ट्रेन से करें जन्नत की सैर
भारत के सबसे खूबसूरत और संवेदनशील क्षेत्र कश्मीर को अब वंदे भारत ट्रेन सेवा से जोड़ा जा रहा है। यह सेवा 7 जून से शुरू हो रही है, जिससे यात्री कटड़ा से श्रीनगर तक हाई-स्पीड रेल के माध्यम से यात्रा कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।
दो वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी कटड़ा से श्रीनगर
- रेलवे की योजना के अनुसार, शुरुआत में दो वंदे भारत ट्रेनें कटड़ा से श्रीनगर के बीच चलेंगी।
- पहली ट्रेन सुबह 8:05 बजे कटड़ा से रवाना होकर 11:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी।
- दूसरी ट्रेन दोपहर 2:50 बजे कटड़ा से चलेगी और शाम 6:00 बजे श्रीनगर पहुंचेगी।
श्रीनगर से वापसी के लिए
- पहली ट्रेन सुबह 8:00 बजे रवाना होकर 11:10 बजे कटड़ा पहुंचेगी।
- दूसरी ट्रेन दोपहर 2:00 बजे चलेगी और शाम 5:10 बजे कटड़ा पहुंचेगी।
वीकली रूटीन में रहेगा बदलाव
ट्रेन संचालन सप्ताह में 6 दिन रहेगा:
- मंगलवार को सुबह वाली ट्रेन कटड़ा से रवाना नहीं होगी।
- बुधवार को दोपहर वाली ट्रेन संचालन में नहीं रहेगी।
जानें वंदे भारत का किराया
आईआरसीटीसी (IRCTC) के अनुसार, यात्रियों को दो श्रेणियों में सफर करने का विकल्प मिलेगा – चेयरकार और एग्जीक्यूटिव क्लास।
सुबह की ट्रेन का किराया:
चेयरकार – ₹715
एग्जीक्यूटिव क्लास – ₹1320
दोपहर की ट्रेन का किराया:
चेयरकार – ₹660
एग्जीक्यूटिव क्लास – ₹1270
यह किराया इस अत्याधुनिक सुविधा वाली ट्रेन को किफायती बनाता है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो समय की बचत के साथ आरामदायक यात्रा चाहते हैं।
केवल एक स्टॉप: बनिहाल
फिलहाल यह ट्रेन केवल बनिहाल स्टेशन पर रुकेगी। जैसे-जैसे जम्मू स्टेशन का पुनर्विकास कार्य पूरा होगा, यह सेवा श्रीनगर से सीधे जम्मू तक विस्तारित की जाएगी।
विशेष तकनीक से लैस है ट्रेन
कटड़ा से श्रीनगर तक का इलाका ऊंचे पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरता है, जहां सर्दियों में तापमान -8 से -10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस चुनौतीपूर्ण मौसम में ट्रेन की कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए इसमें कई विशेष तकनीकें अपनाई गई हैं।
- डबल वॉल टैंक टेक्नोलॉजी: यह टैंक ट्रेन में ईंधन और पानी को सर्द मौसम में भी तरल बनाए रखते हैं।
- मिलिट्री ग्रेड सिस्टम: सेना की तकनीक की तर्ज पर इन डिब्बों को डिजाइन किया गया है ताकि ठंड में भी ट्रेन सामान्य रूप से कार्य करती रहे।