Triputi Laddu Vivad: ऐसा क्या हुआ जिससे तिरुपति मंदिर के लड्डू में हुई पूरी गड़बड़? जगनमोहन ने बदला कौन-सा नियम? पढ़ें पूरी जानकारी

Triputi Laddu Vivad: ऐसा क्या हुआ जिससे तिरुपति मंदिर के लड्डू में हुई पूरी गड़बड़? जगनमोहन ने बदला कौन-सा नियम? पढ़ें पूरी जानकारी
Last Updated: 3 घंटा पहले

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी होने की खबर ने देश भर में हलचल मचा दी है। इस मामले पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि ऐसी अफवाहें और गलत खबरें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं, जिसका उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को भड़काना और समाज में अस्थिरता फैलाना हैं।

आंध्र प्रदेश: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में लड्डुओं में मिलावट की खबर ने देशभर में हलचल मचा दी है, खासकर जब इन लड्डुओं में घी की जगह जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने की अफवाह फैली। इस घटना से श्रद्धालु बेहद आहत और चिंतित हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की घोषणा की है, जो इस मुद्दे की गहनता से जांच करेगी और सच को सामने लाएगी।

हालांकि, मुख्यमंत्री नायडू ने इस पूरी घटना के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अफवाह जानबूझकर फैलाई गई है, ताकि मंदिर की प्रतिष्ठा और धार्मिक आस्था को नुकसान पहुंचाया जा सके। नायडू का कहना है कि इस तरह की अफवाहें जनता की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने और राजनीतिक लाभ लेने के मकसद से फैलाई गई हैं।

नायडू ने लगाया जगनमोहन पर आरोप

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और उनकी सरकार पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में घी की खरीद प्रक्रिया में बदलाव और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। नायडू ने दावा किया कि पिछली सरकार ने मंदिर के लड्डू प्रसादम के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले घी की आपूर्ति प्रक्रिया को जानबूझकर बदला, जिससे इसकी गुणवत्ता पर असर पड़ा। नायडू ने आरोप लगाया कि पहले की शर्तों के अनुसार, घी सप्लाई करने वाले वेंडरों के पास कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए था, लेकिन जगनमोहन रेड्डी के सत्ता में आने के बाद इस शर्त को घटाकर एक साल कर दिया गया।

इससे अनभिज्ञ और अनुभवहीन सप्लायरों को मौका मिला, जिससे घी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए और लड्डुओं में मिलावट की अफवाहें फैलीं। इसके अलावा, नायडू ने टीटीडी में गैर-हिंदुओं को ‘तरजीह देने का भी आरोप लगाया और इसे हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला मंदिर की परंपराओं और भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। इस मुद्दे पर उन्होंने राज्य की पूर्व सरकार पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि इससे न केवल मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, बल्कि श्रद्धालुओं का विश्वास भी डगमगाया हैं।

जगनमोहन ने पीएम मोदी को लिखा शिकायत पत्र

जगनमोहन रेड्डी ने इस विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे दखल देने का आग्रह किया है। उन्होंने सीएम चंद्रबाबू नायडू पर "आदतन झूठ बोलने" का आरोप लगाते हुए कहा कि नायडू राजनीतिक लाभ के लिए इतनी निम्न स्तर पर गिर गए हैं कि वे करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से भी नहीं हिचकिचाते। जगन ने अपने 8 पन्नों के पत्र में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में घी की खरीद प्रक्रिया का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने नायडू की आलोचना करते हुए कहा कि उनके आरोपों ने न केवल मुख्यमंत्री पद के मान-सम्मान को गिराया है, बल्कि आम जनता को भी आहत किया हैं।

जगन का यह पत्र इस विवाद में एक नई मोड़ ला सकता है, क्योंकि वे टीटीडी और उसकी परंपराओं की पवित्रता को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। वे नायडू के आरोपों को राजनीतिक खेल के रूप में देख रहे हैं, जिससे उनकी सरकार की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। इस मामले में अब प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया और हस्तक्षेप का इंतजार हैं।

कैसे शुरू हुआ था लड्डू विवाद?

टीडीपी चीफ और आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा। उन्होंने दावा किया कि लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। नायडू के इस दावे ने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया है और हिंदू श्रद्धालुओं के बीच चिंता का माहौल बना दिया है। इसके बाद, टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने मीडिया के सामने आकर कहा कि लैब टेस्ट में लड्डुओं के कुछ नमूनों में पशु चर्बी और सूअर की चर्बी की मौजूदगी का पता चला हैं।

उन्होंने बताया कि बोर्ड अब ऐसे ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डालने की योजना बना रहा है जो मिलावटी घी की सप्लाई कर रहा था। इस पूरे विवाद ने श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और जांच की मांग को और भी तेज कर दिया है। आंध्र प्रदेश की राजनीतिक गलियों में अब यह मुद्दा गर्मा गया है, जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हो रही हैं।

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