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Waqf Bill 2025: वक्फ संशोधन कानून को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग पर CJI की प्रतिक्रिया

Waqf Bill 2025: वक्फ संशोधन कानून को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग पर CJI की प्रतिक्रिया
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ संशोधन कानून पर जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर CJI संजीव खन्ना ने दोपहर में अनुरोधों पर विचार करने और याचिकाएं सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया।

Waqf Bill 2025: राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने Waqf Amendment Act 2025 को लेकर Supreme Court में early hearing की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कानून religious freedom और constitutional rights का उल्लंघन करता है। सिब्बल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील के तर्कों पर सुनवाई करते हुए CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर दोपहर तक फैसला लिया जाएगा।

क्या बोले चीफ जस्टिस?

CJI ने कहा कि जल्द सुनवाई के लिए तय व्यवस्था पहले से है, इसलिए दोपहर में याचिकाओं को देखने के बाद तय किया जाएगा कि इन्हें सूचीबद्ध किया जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं और सभी को एकसाथ लिस्ट किया जाएगा।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बढ़ा विरोध

President Droupadi Murmu ने हाल ही में Waqf (Amendment) Bill 2025 को अपनी मंजूरी दी थी। इससे पहले संसद के दोनों सदनों में इस पर गरमागरम बहस हुई थी। अब इस कानून को लेकर multiple petitions दायर की जा चुकी हैं, जिनमें से एक याचिका Samast Kerala Jamiat-ul-Ulama की है, जिसने इसे संविधान पर हमला बताया है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद की आपत्ति

Jamiat Ulama-e-Hind ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अधिनियम Muslim community की religious freedom छीनने की कोशिश है। संगठन ने वक्फ बोर्ड में non-Muslim members को शामिल करने के प्रावधान पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। उन्होंने इसे fundamental rights के सीधे उल्लंघन के रूप में प्रस्तुत किया है।

देशभर में होगा विरोध प्रदर्शन

अब तक सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। Muslim Personal Law Board ने भी घोषणा की है कि वह देशभर में इस कानून के खिलाफ nationwide protests आयोजित करेगा। याचिकाओं का फोकस धार्मिक स्वतंत्रता और equality under Article 14 & 15 जैसे संवैधानिक प्रावधानों पर है।

सरकार का पक्ष क्या है?

सरकार का कहना है कि यह कानून property management से संबंधित है और इसका उद्देश्य transparency और accountability लाना है। साथ ही यह कानून मुस्लिम महिलाओं के हितों को सुरक्षित रखने और उन्हें विशेष अधिकार देने के लिए Article 15 के तहत लाया गया है। सरकार का तर्क है कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और यह कानून संविधान के अनुरूप है।

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