प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपनी दो दिवसीय थाईलैंड यात्रा पर हैं और इस दौरान उनका कार्यक्रम सांस्कृतिक, कूटनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहा। यात्रा के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा के साथ बैंकॉक के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित वाट फो मंदिर (Wat Pho Temple) के दर्शन किए।
Wat Pho Temple History: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी थाईलैंड यात्रा के दौरान रविवार को राजधानी बैंकॉक के सबसे प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिर वाट फो (Wat Pho) में दर्शन किए। थाई प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा के साथ उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल की भव्यता को नजदीक से देखा। वाट फो को ‘लेटे हुए बुद्ध के मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है, और यह थाईलैंड के बौद्ध वास्तुकला, आध्यात्मिकता और चिकित्सा विज्ञान का जीवंत उदाहरण है। लगभग 20 एकड़ में फैला यह मंदिर बैंकॉक का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है, जिसकी नींव 16वीं शताब्दी में रखी गई थी।
वाट फो: शिक्षा और चिकित्सा का प्राचीन केंद्र
राजा राम प्रथम के शासनकाल में स्थापित इस मंदिर को पहले वाट फोटाराम कहा जाता था। यह केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि शिक्षा और परंपरागत थाई चिकित्सा का केंद्र भी रहा है। यहां न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान होते थे, बल्कि थाई हर्बल औषधियों, चिकित्सा पद्धति और योग की शिक्षा भी दी जाती थी। राजा राम तृतीय ने मंदिर परिसर का अत्यधिक विस्तार करवाया और इसे एक सांस्कृतिक संस्थान के रूप में विकसित किया। उनके शासनकाल में यहां अनेक स्तूप, मंडप और शिल्पकलाएं जोड़ी गईं, जिनमें ‘लेटे हुए बुद्ध’ की प्रतिमा विशेष आकर्षण बनी।
46 मीटर लंबी ‘लेटे बुद्ध’ की मूर्ति
वाट फो मंदिर का सबसे प्रसिद्ध हिस्सा है 46 मीटर लंबी और 15 मीटर ऊंची लेटी हुई बुद्ध की प्रतिमा। यह प्रतिमा सोने की परत से मढ़ी गई है और बौद्ध अनुयायियों के लिए गहन आस्था का केंद्र है। बुद्ध के शांत मुद्रा में लेटे स्वरूप को देखकर भक्त ध्यान, मुक्ति और करुणा का अनुभव करते हैं। उनकी पैरों की तलहटी में 108 शुभ चिह्न उकेरे गए हैं, जो बुद्ध के जीवन और दर्शन को दर्शाते हैं।
1000 से अधिक बुद्ध प्रतिमाओं का भंडार
इस मंदिर में मुख्य प्रतिमा के अलावा 1000 से अधिक बुद्ध की प्रतिमाएं भी स्थित हैं, जिनमें कई दुर्लभ ऐतिहासिक शिल्पकृतियां भी शामिल हैं। यहां बौद्ध धर्म के साथ-साथ थाई कला, स्थापत्य और चिकित्सा परंपरा का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।
भारत-थाईलैंड सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और थाईलैंड के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और सशक्त करती है। पीएम मोदी ने अपने दौरे के दौरान कहा, वाट फो जैसी ऐतिहासिक जगहें सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि वो पुल हैं जो भारत और थाईलैंड को साझा संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ते हैं। वाट फो में की गई यह ऐतिहासिक यात्रा न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि यह दो देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को भी नई ऊर्जा प्रदान करती है।