मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़की, 118 गिरफ्तार। ममता बनर्जी ने कहा कानून केंद्र का है, राज्य में लागू नहीं होगा। इंटरनेट सेवाएं बंद।
West Bengal: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना पहला बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह कानून राज्य सरकार ने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने बनाया है और इसका जवाब केंद्र सरकार से ही मांगा जाना चाहिए। हिंसा के दौरान 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई जिलों में पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की गई।
हिंसा के खिलाफ ममता बनर्जी का बयान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कहा, "यह कानून हमने नहीं बनाया है, बल्कि यह केंद्र सरकार का कृत्य है। इस पर जो सवाल उठ रहे हैं, उनका जवाब केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए।" ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं होगा और सरकार इस मुद्दे पर केंद्र से जवाब मांगेगी।
मुर्शिदाबाद में इंटरनेट सेवाएं बंद
मुर्शिदाबाद में हिंसा की स्थिति गंभीर होने के कारण प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और कर्फ्यू लागू किया गया है। पुलिस ने कहा कि सुटी और समसेरगंज क्षेत्रों में 70 और 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस गश्त जारी है और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
बीजेपी का केंद्र से मदद मांगने का आग्रह
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बढ़ते मामलों पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने ममता सरकार की निंदा की है। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा एक पूर्व नियोजित कृत्य था और इसे लोकतंत्र और शासन पर हमला बताया। बीजेपी ने केंद्र से सहायता की अपील की और एनआईए जांच की मांग की।
पुलिस फायरिंग में घायल युवक का इलाज जारी
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के दौरान पुलिस की फायरिंग में एक युवक घायल हो गया है, जिसे कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
न्यायिक कार्रवाई की मांग
बीजेपी ने मांग की है कि इस हिंसा के पीछे जो भी लोग हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें कठोर कानून के तहत मुकदमा चलाया जाए। विपक्ष ने यह भी कहा कि रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए ये कृत्य न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि यह आवश्यक सेवाओं को भी प्रभावित करते हैं।