प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत किफायती आवास निर्माण प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा/परित्यक्ता महिलाओं को 20 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा।
UP News: प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत जल्द ही किफायती आवासों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने इस योजना के पात्रों की पात्रता, चयन और निर्माण को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में कमजोर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को किफायती दरों पर आवास निर्माण, क्रय और किराए पर लेने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।
विशेष अनुदान और पुरस्कार योजनाएं
बीएलसी और एएचपी योजना में वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा व परित्यकता के कारण एकल महिलाओं को 20 हजार रुपये का विशेष अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा, 12 माह में आवास निर्माण करने वाले लाभार्थियों को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
योजना के चार घटक
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 को चार घटकों में विभाजित किया गया है। लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना के तहत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के परिवारों को 1.50 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता और 1 लाख रुपये की राज्य सरकार की सहायता दी जाएगी। किफायती आवास (एएचपी) योजना में भी ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों के लिए 2.50 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
किफायती आवासों के निर्माण में केंद्र और राज्य की साझेदारी
केंद्र सरकार की सहायता 40:40:20 के अनुपात में तीन किस्तों में दी जाएगी, और राज्य सरकार भी इसमें अपना योगदान देगी। इसके अतिरिक्त, परियोजनाओं में नवीन निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल करने वाली परियोजनाओं को 1 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की तकनीकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) मिलेगी।
स्लम पुनर्विकास और किराए के आवास
यह योजना शहरी स्लमों के पुनर्विकास को भी बढ़ावा देगी, जहां मौजूदा स्लमों को तोड़कर बहुमंजिला इमारतों में पुनर्विकास किया जाएगा। अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) योजना के तहत शहरी प्रवासियों और अन्य लाभार्थियों के लिए किफायती किराए के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)
ब्याज सब्सिडी योजना के तहत ईडब्ल्यूएस/एलआइजी और एमआइजी के लाभार्थी 35 लाख रुपये तक के आवास मूल्य के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण लेकर 4 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी प्राप्त कर सकेंगे।
आवेदन और पात्रता
इस योजना में आवास का कारपेट एरिया अधिकतम 120 वर्ग मीटर होगा। पात्र परिवारों का चयन जिलाधिकारी या नगर आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। परिवार की महिला मुखिया के नाम पर या संयुक्त रूप से पति-पत्नी के नाम पर आवास आवंटित किया जाएगा।