अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर वह यूक्रेन के साथ शांति वार्ता में देरी करता है, तो उस पर नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। ट्रंप और पुतिन के बीच हाल ही में फोन पर बातचीत हुई है।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर कड़ा रुख दिखाया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर रूस शांति वार्ता को लेकर गंभीरता नहीं दिखाता, तो उस पर नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उन्होंने यह बयान अमेरिकी सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के समक्ष दिया।
अमेरिका ने रूस को चेताया
मार्को रुबियो ने समिति को संबोधित करते हुए कहा, "हमें जानकारी मिली है कि रूस एक औपचारिक युद्धविराम प्रस्ताव तैयार कर रहा है। अगर वह प्रस्ताव सामने आता है, तो हम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर विचार करेंगे। लेकिन अगर रूस इसमें देरी करता है या इरादा नहीं दिखाता, तो सख्त कदम उठाने ही होंगे।"
रुबियो का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन में युद्ध लगातार गहराता जा रहा है और किसी ठोस शांति प्रस्ताव की संभावना अब तक धरातल पर नहीं दिखाई दे रही है।
क्या होगा अगला कदम? नए प्रतिबंधों का संकेत
जब रुबियो से पूछा गया कि अगर रूस कोई औपचारिक शांति प्रस्ताव नहीं देता तो क्या अमेरिका नए आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा, उन्होंने जवाब में कहा- "अगर यह साफ हो गया कि रूस शांति नहीं चाहता और संघर्ष को जारी रखना चाहता है, तो प्रतिबंध लगाना ही एकमात्र विकल्प रह जाएगा।"
रुबियो ने यह भी जोड़ा कि अमेरिका युद्ध को समाप्त करने के हर कूटनीतिक प्रयास का समर्थन करता है, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करना भी ज़रूरी है कि कोई देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करके खुले तौर पर हिंसा फैलाता न रहे।
ट्रंप नहीं चाहते अभी प्रतिबंधों की धमकी
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने बयान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप फिलहाल कोई सीधी प्रतिबंध चेतावनी नहीं देना चाहते। उनका मानना है कि इससे रूस बातचीत से पीछे हट सकता है।"
रुबियो के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे को लेकर बेहद सतर्क हैं और वे चाहते हैं कि किसी भी तरह से बातचीत के रास्ते खुले रहें। उनका जोर एक "respectful dialogue" पर है जिससे दोनों देशों को वार्ता की मेज़ पर लाया जा सके।
ट्रंप ने पुतिन से की दो घंटे लंबी बातचीत
रुबियो के इस बयान से एक दिन पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया को जानकारी दी थी कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से दो घंटे लंबी फोन पर बातचीत की है। ट्रंप ने दावा किया कि इस बातचीत के बाद रूस और यूक्रेन "तत्काल" युद्धविराम और शांति वार्ता शुरू करने को तैयार हो गए हैं।
यह ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, विशेषकर तब जब हाल ही में इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता बिना किसी ठोस निष्कर्ष के समाप्त हो गई थी।
वेटिकन करेगा शांति वार्ता की मेज़बानी
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी बताया कि नव-निर्वाचित पोप लियो XIV की अध्यक्षता में वेटिकन इस शांति वार्ता की मेज़बानी करने को तैयार है। उन्होंने कहा, "पोप की पहल और नैतिक नेतृत्व से यह वार्ता निष्पक्ष और शांति की भावना से संचालित होगी।"
इस प्रस्ताव को यूरोपीय यूनियन के कुछ देशों और यूएन महासचिव का भी समर्थन मिल रहा है। माना जा रहा है कि वेटिकन जैसे धार्मिक और तटस्थ स्थल पर बातचीत का माहौल अधिक सौहार्दपूर्ण हो सकता है।
इस्तांबुल में वार्ता विफल
इससे पहले इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच हुई वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई थी। हालांकि, दोनों देशों के बीच कैदियों की अदला-बदली को लेकर सहमति बनी थी, जिससे उम्मीद की एक छोटी किरण ज़रूर दिखी थी।