बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू समुदाय को कट्टरपंथियों द्वारा धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में चिंतित है और वे इसकी देखरेख करना चाहते हैं।
वॉशिंगटन: अमेरिका ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदू समुदाय की सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा होते देखना चाहते हैं। यह बयान दुर्गा पूजा के दौरान कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय को दी जा रही धमकियों के संदर्भ में आया हैं।
बांग्लादेश में हाल के समय में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके भारत जाने के बाद। मिलर ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका को इस स्थिति की चिंता है और वे वहां के धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की अपेक्षा रखते हैं। बांग्लादेश में दुर्गा पूजा का त्योहार हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, और ऐसे समय में जब उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है, अमेरिका का यह समर्थन महत्वपूर्ण हैं।
भारत ने इस पर क्या कहा?
भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि वह देश में हिंदू समुदाय के लिए शांतिपूर्ण धार्मिक आयोजनों को सुनिश्चित करे। इस मांग को बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और कट्टरपंथी समूहों द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ते हमलों से जुड़ा है। एक संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 600 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें हिंदू समुदाय के सदस्य भी शामिल हैं। हसीना सरकार के पतन के बाद, अल्पसंख्यक समुदाय को धार्मिक कट्टरपंथियों से अधिक खतरे का सामना करना पड़ रहा हैं।
मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी को दिया था आश्वासन
अगस्त में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी, जिसमें उन्होंने हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। इस बातचीत के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से टेलीफोन पर बात की। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार ने मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, संरक्षा और संरक्षा का आश्वासन दिया।